छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल : छत्तीसगढ़ भारत के सबसे प्रमुख राज्यों में से एक है। छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह बहुत ही खूबसूरत है। भारत के उत्तर दिशा में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य अपने धार्मिक स्थलों और खूबसूरत पर्यटन स्थलों की वजह से हर साल दुनियाभर के लाखों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
छत्तीसगढ़ विदेशी पर्यटकों द्वारा भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले राज्यों में से एक है। छत्तीसगढ़ कई ऐतिहासिक महलों, किलो, गुफाओं, जलप्रपात, प्राकृतिक पर्यटन स्थलों और अपने अत्यंत पौराणिक तथा ऐतिहासिक प्राचीन मंदिरो से भरा हुआ है। यह भारत का 26वां सबसे घनी आबादी वाला राज्य हैं जिसकी राजधानी रायपुर है।
क्षेत्रफल के दृष्टि से भारत के 26वां बड़े इस राज्य में आप को कई ऐसे आकर्षक धार्मिक स्थल, पर्यटन स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर घने जंगल एवं खूबसूरत झरने देखने को मिल जाएंगे जो पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। तो चलिए दोस्तों जानते है छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थलों के बारे में संक्षिप्त से जानते हैं
छत्तीसगढ़ का नक्शा (मानचित्र) । Chhattisgarh Map In Hindi 2024
- छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थल, मंदिर । Famous Temples of Chhattisgarh in Hindi
- दंतेश्वरी मंदिर जगदलपुर । Danteshwari Temple, Dantewada in Hindi
- बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ । Bamleshwari Devi Temple Dongargarh in Hindi
- जतमई घटरानी मंदिर । Jatmai Ghatarani Temple Hindi
- भोरमदेव मंदिर चौरागाँव । Bhoramdev Temple Chauragaon in Hindi
- माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी । Mata kaushalya temple
- राजिम त्रिवेणी संगम । Rajim Lochan Mandir History in Hindi
- गिरौदपुरी जैतखाम । Giroudpuri Dham in Hindi
- रतनपुर महामाया मंदिर । Mahamaya Devi Temple Ratanpur
- शिवरीनारायण मंदिर । Shivrinarayan Mandir
- सिरपुर लक्ष्मण मंदिर । laxman temple in hindi
- हटकेश्वर महादेव मंदिर । hatkeshwar mahadev temple in hindi
- Q.2 छत्तीसगढ़ में मंदिरों का शहर किसे कहाँ जाता है?
- Q.3 छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से कौन सा मंदिर जाना जाता है?
- Q.4 छत्तीसगढ़ में निर्मित मंदिर शैली क्या थी?
- Q.5 छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से हैं?
छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थल, मंदिर । Famous Temples of Chhattisgarh in Hindi
दंतेश्वरी मंदिर जगदलपुर । Danteshwari Temple, Dantewada in Hindi
धार्मिक विश्वास एवं श्रद्धा की प्रतीक दंतेश्वरी देवी का मंदिर, शंकिनी एवं डंकिनी नदी के संगम बिन्दु पर दंतेवाड़ा जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 14वीं सदी के प्रथमार्द्ध में काकतीयवंशीय शासक अन्नमदेव के द्वारा करवाया गया था। देवी के नाम पर ही ग्राम का नाम दंतेवाड़ा रखा गया।
इस मंदिर के गर्भगृह में मां दंतेश्वरी देवी की प्रतिमा है यह मंदिर काष्ट (लकड़ी) से निर्मित है। यहां पर प्रतिवर्ष नवरात्रि के समय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।
बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ । Bamleshwari Devi Temple Dongargarh in Hindi
डोंगरगढ़ राजनांदगांव जिले में स्थित एक धार्मिक स्थल है जिसे पूर्व में कामावतीपुरी के नाम से जाना जाता था। यहां मां बम्लेश्वरी देवी की मंदिर है जो अपने भक्तों को दर्शन देकर पुनः आने के लिए विवश कर देती है। साथ ही यहां स्थित प्रज्ञागिरी की पहाड़ी में विशाल बौद्ध प्रतिमा कलाकारी का बेहतरीन नमूना है।
जतमई घटरानी मंदिर । Jatmai Ghatarani Temple Hindi
जतमई घटरानी मंदिर छत्तीसगढ़ के दक्षिण पूर्व रायपुर से लगभग 85 किमी दूर स्थित है। छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों में से एक है जो कि गरियाबंद जिले में स्थित है। घटारानी और जतमई दो अलग-अलग धार्मिक स्थल हैं जहां एक जलप्रपात है जो इस मंदिर के ठीक बगल में स्थित है।
घटारानी माता घटारानी का प्रख्यात मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का एक केन्द्र बिन्दु होने के साथ-साथ यहाँ स्थित घटारानी झरना’ पर्यटकों के लिये एक पिकनिक स्पॉट के रूप में राज्य में अपनी अलग छवि को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ का यह मंदिर का दृश्य सावन के समय स्वर्ग से कम नहीं होता है। यहां का झरना सबसे अधिक बार आने वाले पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
मंदिर पूरे साल खुला रहता है, लेकिन अगर आप भी झरने की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो यहां जाने का सबसे अच्छा समय बारिश के तुरंत बाद यानी सितंबर से दिसंबर के महीनों तक है। यह वह समय है जब इन झरनों में पर्याप्त पानी होगा और जंगल हरे और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होता है।
भोरमदेव मंदिर चौरागाँव । Bhoramdev Temple Chauragaon in Hindi
छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर प्रदेश का एक ऐतिहासिक मंदिर है जो कबीरधाम से लगभग 16 कि.मी. की दूरी पर चौराग्राम में मैकल श्रेणी पर स्थित है।
फणीनागवंशी शासक गोपाल देव द्वारा 11वीं सदी में इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण कराया गया था। यहां के दीवारों पर विभिन्न काम मुद्राओं में अनुरक्त युगलों का कलात्मक अंकन किया गया है।
इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है। भोरमदेव क्षेत्र के आस-पास भोरमदेव अभ्यारण्य है जहां प्राकृतिक रूप से जंगली जानवरों को विचरण करते देखा जा सकता है। चैत्र रामनवमी के अवसर पर यहां लगने वाला भव्य मेला पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु होता है।
भोरमदेव महोत्सव में विदेशों के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाती है जो राज्य सरकार के लिए एक गौरवान्वित करने वाले महोत्सव के रूप में अपनी विशेषताओं को समेटे हुये हैं।
माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी । Mata kaushalya temple
यह प्रसिद्ध मंदिर रायपुर के चंदखुरी (चंद्रपुरी) नगर में स्थित है जो भारतवर्ष में एकमात्र माता कौशल्या जी का मंदिर है। जहां रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं। किंवदंतियों के अनुसार यह स्थल चंदखुरी माता कौशल्या की जन्मस्थली थी। इसलिए यहां इस मूर्ति का निर्माण किया गया है।
राजिम त्रिवेणी संगम । Rajim Lochan Mandir History in Hindi
छत्तीसगढ़ की प्रयाग नगरी के नाम से प्रसिद्ध राजिम नगरी, महानदी, पैरी नदी और सोंदूर नदी के त्रिवेणी संगम पर गरियाबंद जिले में स्थित है।
यह छत्तीसगढ़ में सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर नलवंशीय शासक विलासतुंग के द्वारा 7वीं-वी शताब्दी में निर्मित राजीव लोचन मंदिर स्थित है।
साथ ही संगम स्थल पर कुलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है जहां से पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त विशाल बटवृक्ष स्थित है जिसे कृष्ण वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
Chhattisgarh Festival | Festival Of Chhattisgarh – छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार
यह पावन नगरी भारत के पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक भव्य मेले का आयोजन होता है जिसे छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा पांचवें कुभ मेले का दर्जा दिया गया है।
गिरौदपुरी जैतखाम । Giroudpuri Dham in Hindi
गिरौदपुरी सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरूघासीदासजी की जन्म स्थली हैं जो बलौदाबाजार जिले में स्थित है।
छत्तीसगढ़ में सतनाम पंथियों के लिये यह एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहाँ कुतुबमीनार से भी ऊँचे जैतखाम का निर्माण किया गया है।यहां पर फाल्गुन पंचमी के दिवस विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश-विदेश के लोग भी सम्मिलित होते हैं।
रतनपुर महामाया मंदिर । Mahamaya Devi Temple Ratanpur
रतनपुर प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है जो अपने प्राचीन गौरव एवं ऐतिहासिक स्मृतियों के लिए विख्यात है। इस पावन नगरी की बसावट लगभग 11वीं सदी में कल्चुरि शासक रत्नदेव प्रथम के द्वारा किया गया था।
उन्होंने यहां पर माँ महामाया मंदिर का निर्माण कराया जो कि एक प्रसिद्ध जागृत सिद्ध शक्ति पीठ भी है।
उन्होंने सिंचाई के उपयुक्त साधन हेतु असंख्य तालाबों का निर्माण भी कराया था। जिसके कारण तात्कालिक समय में रतनपुर क्षेत्र के लोग धन्य-धान्य से परिपूर्ण हो गये। इस कारण रतनपुर को कुबेरपुर की भी संज्ञा दी गई।
कालान्तर में यहां काल भैरव मंदिर, रामटेकरी मंदिर, लखनीदेवी मंदिर, रतनपुर का गजकिला, मूसा खां की दरगाह आदि भी मुख्य धार्मिक स्थलों का निर्माण हुआ जो सैलानियों एवं श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बिन्दु हैं।
छत्तीसगढ़ के तीन शक्तिपीठों में से एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ माँ महामाया मंदिर, रतनपुर क्षेत्र का प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कल्चुरि वंशीय शासक रत्न देव प्रथम द्वारा लगभग 1050 ई. या 11वीं सदी में कराया गया था। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है।
यहां प्रतिवर्ष रामनवमी, चैत्र व क्वांर नवरात्रि तथा माघपूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक विशाल मेला का आयोजन किया जाता है। इस मेले की भव्यता से देश-विदेश के लोग भी परिचित हैं जिसके कारण विदेशी सैलानी भी इन विशेष अवसर पर स्वयं को यहां आने से रोक नहीं पाते।
शिवरीनारायण मंदिर । Shivrinarayan Mandir
शिवरीनारायण जांजगीर-चांपा जिले के महानदी, शिवनाथ एवं जोंक नदी के त्रिवेणी संगम पर स्थित धार्मिक नगरी है। यहां रामायण कालीन माता शबरी का आश्रम, नरनारायण का मंदिर एवं अद्भुत बटवृक्ष आदि है। साथ ही, यहां पर प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।
सिरपुर लक्ष्मण मंदिर । laxman temple in hindi
सिरपुर, चित्रांगदापुर या श्रीपुर के नाम से प्रसिद्ध था। यह नगरी एक पुरातात्विक, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो कि महासमुद जिले में स्थित है। पौराणिक धर्मग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि यह स्थल अर्जुन और चित्रांगदा के पुत्र भब्रूवाहन की राजधानी हुआ करती थी।
इसलिए इसे महाभारतकालीन राजधानी होने का गौरव भी प्राप्त है। बौद्ध धर्म के ग्रंथ अवदान शतक के अनुसार गौतम बुद्ध सिरपुर आये थे जिसका प्रमाण यह निर्मित है स्वास्तिक विहार एवं प्रभु आनन्द कुटी विहार ।।
सांस्कृतिक संपन्नता की इस नगरी को शरभपुरी व पाण्डुवंशीय राजाओं की राजधानी होने का गौरव भी प्राप्त है। महाशिवगुप्त बालार्जुन के काल में चीनी यात्री हवेनसांग 639 ई. में छत्तीसगढ़ आये थे जिसका उल्लेख उनकी रचना सी-यू-की में भी है। पाण्डुवंश के समय सिरपर का वैभव अपने चरमोत्कर्ष पर था इसलिए बालार्जुन के शासन काल को छत्तीसगढ़ का स्वर्ण काल भी कहा जाता है।
प्राचीनकाल में श्रीपुर के नाम से विख्यात भगवान विष्णु का लक्ष्मण मंदिर है जो लाल ईंटों से नागर शैली में निर्मित मंदिरों का एक विशिष्ट नमूना है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ में एक छटा पर्यटन स्थल के रूप में प्रख्यात है जो कि पर्यटकों को बिना डोर खींच लाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हटकेश्वर महादेव मंदिर । hatkeshwar mahadev temple in hindi
हटकेश्वर मंदिर रायपुर शहर में खारून नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थलों में से एक है। सन् 1402 ई. में कल्चुरि नरेश ब्रम्हदेव राय के शासनकाल के दौरान इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया था। मंदिर के गर्भगृह में विराजित शिवलिंग को स्वयंभू माना जाता है।
यहां श्रद्धालुजन देश के कोने-कोने से महादेव के दर्शन करने, प्रार्थना करने और मनवांछित फल पाने हेतु हजारों की संख्या में आते हैं प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा के दिवस भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।
निष्कर्ष
दोस्तों हम उम्मीद करते है की आपको आज का हमारा यह जानकारी छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थल । Famous Temples in Chhattisgarh in Hindi.अच्छी तरह से आपको समझ में आया होगा और मुझे यकीन है की आपको इस Article को पढ़कर काफी आसान और सरल , शब्दो में जानकारी मिली होगी.
तो यदि आपको हमारा यह आर्टिकल छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल 2024, छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारे में. जानकारी पसंद आया है तो आप इसे अपने मित्रों और परिवार संग साझा जरूर करे. जिससे वह लोग भी इस जानकारी का फायदा उठा सके और यह जान सके धनयवाद. हमारा लेख आखिर तक पढ़ने के लिए
- छत्तीसगढ़ के जिलों के नाम 2024
- छत्तीसगढ़ राज्य इतिहास और जानकारी
- छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ और उसके अपवाह तंत्र
- छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकगीत
[FAQ’S] छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों से जुड़े पूछे जाने वाले अन्य सवाल
Q.2 छत्तीसगढ़ में मंदिरों का शहर किसे कहाँ जाता है?
महानदी के तट पर स्थित आरंग एक अत्यंत प्राचीन, पौराणिक तथा ऐतिहासिक नगरी है। प्राचीन काल में यहाँ पर कलचुरी नरेश मोरध्वज का राज्य था। जिसे छत्तीसगढ़ में मंदिरों का शहर के नाम से जाना जाता है,
Q.3 छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से कौन सा मंदिर जाना जाता है?
छत्तीसगढ़ के खजुराहो भोरमदेव मंदिर
Q.4 छत्तीसगढ़ में निर्मित मंदिर शैली क्या थी?
छत्तीसगढ़ राज्य में निर्मित मंदिर मुख्यतः नागर शैली के प्राप्त होते है।
Q.5 छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से हैं?
छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर बम्लेश्वरी देवी,दंतेश्वरी मंदिर,जतमई घटरानी,गिरौदपुरी जैतखाम, माता कौशल्या मंदिर, राजिम, भोरमदेव आदि है