
National Park in Chhattisgarh : भारत के हदय स्थल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के समीप स्थित छत्तीसगढ़, वन सम्पदा से समृद्ध राज्यों में शामिल है, जिनके पास लगभग 1,35,192 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वन क्षेत्र के अंतर्गत सबसे अधिक भूमि है। छत्तीसगढ़ के कुल क्षेत्रफल का 44.21 प्रतिशत भाग वनों के अंतर्गत आता है, जो भारत के कुल वनों में 12 प्रतिशत का योगदान देता है। अपनी समृद्ध जैव-विविधता के कारण राज्य में वन्य जीवन और पर्यावरण-पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ को सबसे लुप्तप्राय और दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों में से कुछ का आशीर्वाद प्राप्त है। वन्य जीवन के प्रति उत्साही और प्रकृति प्रेमियों के लिए छत्तीसगढ़ एक बहुत बेहतरीन स्थान है। जहां छत्तीसगढ़ राज्य में दो राष्ट्रीय उद्यान, (National Park) तीन बाघ अभ्यारण्य, 8 वन्यजीव अभ्यारण्य, 1 जैव क्षेत्र हैं।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय उद्यानो के उद्देश्य
छत्तीसगढ़ राज्य वन एवं वन्यजीवों की दृष्टि से एक समृद्धि राज्य है. जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय उद्यानो , टाइगर रिजर्व , और अभ्यारण्य के क्षेत्र आते है. जिसमें विभिन प्रकार के वन्य जीव पाए जाते है. जैसे – बाघ , तेंदुआ , भालू , वनभैसा , सोनकुत्ता ,चीतल सांभर , लोमड़ी , लकड़बग्घा , कोटरी , नीलगाय , उड़न , गिलहरी , मगरमच्छ , भेड़िया , आदि वन्यजीव पाये जाते है.
इसके अंतर्गत बस्तर वन वनभैसों के लिए प्रसिद्ध है. जहां अनादि काल से वन भेंसे है जो शुद्ध नश्ला के होते है. और मरवाही में सफ़ेद भालू के पद चिन्ह भी पाये गये है. तथा खरोर के पास काले हिरन के झंडा भी देखे गए है | ऐसे बहुमूल्य वन्यजीवों की संरक्षण के लिए राष्टीय उद्यान व अभ्यारण्य बनाये गए है | जिससे विलुप्ति करना के कगार पर पहुंचे बहुमूल्य वन्यजीवों को बचाया जा सके।
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यान | National Park of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के 3 राष्ट्रीय उद्यानो के नाम
1. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (kanger ghati national park)
kanger ghati national park in hindi : यह राष्ट्रीय उद्यान बस्तर जिले में विस्तृत है। जिसे वर्ष 1982 में 200 वर्ग किमी. क्षेत्र को, राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र घोषित किया गया। साथ ही इस उद्यान को एशिया का प्रथम बायोस्फियर रिजर्व (जीवमंडल) घोषित किया गया था जो वर्तमान में क्रियाशील नहीं है। इस राष्ट्रीय उद्यान की प्रमुख विशेषता यह है कि यहां बोलने वाली पहाड़ी मैना पायी जाती है। इसके अतिरिक्त यहां उड़न गिलहरी व रीसस बंदर की उपस्थिति भी पर्यटकों को सम्मोहित करती है। यहां शेर, चीतल, तेंदुआ और सांभर भी देखे जा सकते है। प्राकृतिक गुफाओं जैसे- कुटुम्बसर की गुफा का होना, इस राष्ट्रीय उद्यान को और भी रमणीय बनाती है।
2. इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान (indravati national park)
Indravati National Park in Hindi : यह राष्ट्रीय उद्यान बीजापुर जिले में स्थित है। जिसे राष्ट्रीय उद्यान का, यह स्वरूप 1978 ई. में मिला था। यह राष्ट्रीय उद्यान 2799.07 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है किन्तु इसका कोर-जोन 1258 वर्ग किमी. है। इस उद्यान का नामकरण इन्द्रावती नदी के नाम पर किया गया है। इस उद्यान में बाघों, वनभैंसो एवं बारहसिंघों को विशेष संरक्षण मिला है, यद्यपि यहां तेंदुआ, नीलगाय, चौसिंघा, सांभर, सुअर, बंदर तथा मोर आदि वन्य प्राणी भी है। बाघों के संरक्षण एवं संर्वधन हेतु 1982 ई. में इसे प्रोजेक्ट टाइगर एवं 2009 टाइगर रिजर्व जैसी परियोजनाओं में सम्मिलित किया गया।
3. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (Guru ghasidas national park)
Guru Ghasidas National Park in hindi : यह राष्ट्रीय उद्यान कोरिया एवं सूरजपुर जिले में विस्तृत है। इस उद्यान की स्थापना सन् 1981 में की गई। इस उद्यान का 1441 वर्ग कि.मी. भाग कोरिया और सूरजपुर जिले में तथा शेष भाग मध्यप्रदेश के सीधी जिले में स्थित है। यहां पाए जाने वाले वन्य प्राणियों में बाघ, तेंदुआ, गौर, चीतल, सांभर, नीलगाय, चौसिंगा, अजगर सौंप एवं बंदर इत्यादि है। राज्य गठन के पूर्व यह उद्यान संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था। जो मध्यप्रदेश के सीधी जिले एवं छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में फैला हुआ
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