तेनालीराम की कहानियां : तेनालीराम का दूसरा जन्म। tenali ram story in hindi

4.3/5 - (3 votes)

तेनालीराम का दूसरा जन्म तेनालीराम की कहानी : एक बार अचानक महाराज के दिमाग में न जाने क्या बात आ गई कि वह संगीत में रुचि लेने लगे। देश के प्रसिद्ध संगीतकार उनके पास आने लगे।

वे संगीत की दुनिया में इतने लिप्त हो गए कि उन्होंने राज्य की ओर ध्यान देना ही छोड़ दिया और तो और उन्होंने दरबार में भी जाना छोड़ दिया था।

इसका परिणाम यह हुआ कि मंत्री अपनी मनमानी करने लगे। वह प्रजा को तंग करने लगे प्रजा से मनमाने ढंग से कर वसूलने लगे। इससे प्रजा में महाराज की छवि बिगड़ने लगी। यह देखकर तेनालीराम को बहुत दुख हुआ। तेनालीराम ने महाराज को सुधारने की तरकीब सोची।

तेनाली रामा की 18 उम्दा कहानियां । Tenali Rama Story In Hindi

एक दिन एक व्यक्ति सुबह-सुबह महाराज से मिला और उन्हें एक पगड़ी वह जूता दिखा कर बोला:-” महाराज! मुझे यह सामान नदी के किनारे पड़ा हुआ मिला है। यह दोनों चीजें आपके तेनालीराम की है। इसी कारण मैं आपको सूचना देने चला आया कि तेनालीराम ने आत्महत्या कर ली है”।

यह खबर सुनते ही पहले तो महाराज कृष्णदेव राय को विश्वास ही नहीं हुआ कि तेनालीराम आत्महत्या भी कर सकता है। फिर अपने को नियंत्रित करते हुए उस व्यक्ति से पूछने लगे:-” तेनालीराम को आत्महत्या करने की जरूरत क्यों पड़ी?”

इस पर उस व्यक्ति ने महाराज को बताया कि वह बहुत दिनों से उदास रहने लगे थे। वह प्राय कहा करते थे कि मैंने अपना सारा जीवन महाराज को समर्पित कर दिया, परंतु अब ऐसे जीवन का क्या फायदा जब महाराज के दर्शन ही नहीं हो पाते।

यह जानकर महाराज कृष्णदेव राय को बहुत दुख हुआ। उसी दिन से उन्होंने अपनी दिनचर्या को बदल लिया।

वह प्रातः काल संगीत सुनते, प्रतिदिन दरबार जाने लगे और नागरिकों के सुख-दुख में शामिल होने लगे। इसके अतिरिक्त वह वेश बदलकर नगर के हाल-चाल स्वयं पता करते थे। इससे उनकी छवि सुधारने लगी।

एक रात को जब महाराज नगर में घूम रहे थे तो उन्हें अचानक तेनालीराम के परिवार वालों का ध्यान आ गया। तेनालीराम के परिवार वालों की सुध बुध लेने की इच्छा से वे उनके घर पहुंच गए। वहां पहुंचने पर उन्हें तेनालीराम एक चारपाई पर लेटे हुए मिला।

महाराज ने पूछा कि:-‘ तुम तो मर गए थे फिर जिंदा कैसे हो गए?’

तेनालीराम ने मुस्कुराकर उत्तर दिया:-” महाराज! यह मेरा दूसरा जन्म है। इस बात पर महाराज को तेनालीराम की सारी बातें समझ में आ गई। वह तेनालीराम को कल से दरबार में उपस्थित होने का आदेश देकर चले गए।

पढ़िए और भी तेनालीराम की मजेदार कहानियां:-

Leave a Comment