विश्व पृथ्वी दिवस पर कविता । World Earth Day Poem In Hindi

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मानव अपना जीवन धरती पर ही जीता ही क्योंकि मानव को सारी सुविधाएं इसी पृथ्वी पे मिल पाति है इसी लिए आज की कविता विश्व पृथ्वी दीवस पर होने वाली है।

जो प्रत्येक वर्ष “22 अप्रैल 2021” को मनाया जाता है जिसका एकमात्र उद्देश्य पृथ्वी के संरक्षण और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया जाता है जिसके जरिये लोग जागरूक हो और धरती मां की सुरक्षा करे।

इसकी सुरुवात सर्वप्रथम अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन के द्वारा 1970 ई०में हुआ था जिसका उद्देश्य अमेरिका जैसे बढ़ते प्रदूषण और अत्यधिक पृथ्वी को दोहन को रोकना है ।

भारत में पृथ्वी को माँ का सम्मान भी दिया गया है पृथ्वी पे हमारा घर है पृथ्वी हमारी माता के समान है जिनसे हम भोजन,पानी, वायु सब कुछ इसी धरती से मिलता है ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य बनाता है की इसी धरती का रक्षा करे ।

हम सभी जानते हैं की सिर्फ पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह हैं जहा पर ही जीवन हैं, लेकिन धीरे धीरे हम यह भूल रहे हैं की अगर यह पृथ्वी सुंदर और खिलखिलाती रहेंगी तभी यहाँ का हर जीव और खास कर मनुष्य ख़ुशहाल, तंदरुस्त रहेंगा। आज हम पृथ्वी पर कुछ कवितायेँ – Poem on Earth Day लायें हैं, आशा हैं आपको जरुर पसंद आएँगी।

विश्व पृथ्वी दिवस पर कविता । Poem on World Earth Day 2023 In Hindi

पृथ्वी पर कुछ कवितायेँ । Poem on Earth Day in hindi

पृथ्प्कतिक आपदा को विदा कीजिये,
बस अधिकतम धरा को हरा कीजिये।
शुद्ध सर्वत्र पर्यावरण, मेदिनी,
अपनी संतान को उर्वरा दीजिये।

जल प्रदूषित है एवं हवा विषभरी,
गन्दगी ना मिले बस बचा कीजिये।
क्यों प्रगति के लिए पत्थरों के शहर,
जंगलों की जगह अब बसा दीजिये?

बेतहासा लगाएं ना उद्योग भी,
आँख मे जो चुभे ना धुआँ कीजिये।
वृक्ष रोपित करें जल सुरक्षित करें,
सर्व सुखदायिनी माँ धरा कीजिये।

प्राकृतिक संतुलन के लिये विश्व में,
मंत्र मन में हमेशा रखा कीजिये।
लोकसंख्या की बढ़ती हुई उच्चतम,
दर को कुछ तो नियन्त्रित किया कीजिये।

धरती की बस यही पुकार । Poem on Earth Day in hindi

धरती कह रही हैं बार बार
सुन लो मनुष्य मेरी पुकार,
बड़े बड़े महलों को बना के
मत डालो मुझ पर भार

पेड़ पौधों को नष्ट करके,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार,
मैं हु सबकी जीवन दाता

मैं हु सबकी भाग्य विधाता,
करने डॉ मुझे सब जीवो पर उपकार,
मत करो मेरे पहाड़ों पर विस्फ़ोटक वार,
मत उजाड़ो मेरा संसार,

धरती की बस यही पुकार,
सुंदर सुंदर बाग़ और बगीचे हैं मेरे,
हे मनुष्य ये सब काम आयेंगें तेरे,
मेरी मिटटी में पला बड़ा तू,

तूने यहीं अपना संसार गाढ़ा हैं,
फिर से कर ले तू विचार,
मत उजाड़ मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!

मैं रूठी तो जग रूठा,
अगर मेरे सब्र का बांध टुटा,
नहीं बचेंगा कोई,
मेरे साथ अगर अन्याय करोंगे,

तो न्याय कह से पाओंगे
कभी बाढ़ तो कभी सुखा,
और भूकंप जैसी आपदा सहते जाओंगे,
धरती की बस यहीं पुकार,
मत उजाड़ों मेरा संसार!!

धरती मां पर कविता इन हिन्दी । Poem on Earth Day in hindi

शाश्र्वत गुणमयी शश्यश्यामला,
उच्च चोटियों वाली पर्वत श्रृंखला।
नदियों की है अविरल धारा,
पृथ्वी पर जग जीवन सारा।

वन उपवन से हरीयाली छाया,
मैदानों में हरे खेत लहलहाया।
अन्न धन दे निहाल किया,
सब जीवों पर उपकार किया।

पंच तत्त्व से यह बना शरीर,
क्षिति जल पावक गगन समीर।
यह चक्र चलता जीवन पर्यंत,
तुझसे उत्पति तुझमें ही अंत।

सांसारिक सुखों में ऐसे उलझे
आधुनिकता में सब भूल गए।
गांवों की हरियाली को छोड़,
शहरों को सब कूच किए।

हमको सबक सिखाती धरती । Poem on Earth Day in hindi

ऊँची धरती नीची धरती,
नीली, लाल, गुलाबी धरती।
हरे-भरे वृक्षों से सज्जित,
मस्ती में लहराती धरती।

कल -कल नीर बहाती धरती,
शीतल पवन चलाती धरती,
कभी जो चढ़े शैल शिखर तो,
कभी सिन्धु खा जाती धरती।

अच्छी -अच्छी फसलें देकर,
मानव को हर्षाती धरती,
हीरा, पन्ना, मोती, माणिक,
जैसे रतन लुटाती धरती।

भेद न करती उंच-नीच का,
सबका बोझ उठाती धरती,
अंत-काल में हर प्राणी को,
अपनी गोद में सुलाती धरती।

जाती धर्म से ऊपर उठ कर,
सबको गले लगाती धरती,
रहे प्रेम से इस धरती पर,
हमको सबक सिखाती धरती।

मैं धरती मॉ बोल रही हूं । Poem on Save Earth in Hindi

मैं धरती मॉ बोल रही हूं
अनगिन घावों की पीडा में
मन के आंसू घोल रही हूं
मैं धरती मॉ बोल रही हूं।

हरियाली की चादर जर्जर,
तपती गर्म हवाओं का डर
पथरीले पथ पर डगमग पग,
बिना त्राण के डोल रही हूं
मैं धरती मॉ बोल रही हूं।

तन का लहू पिलाकर पाला
सुख स्वप्नों में देखा भाला
सुखद छांव दी तरु-विटपों की
सुरभित कर जीवन का प्याला

पर अपने जाये बेटों ने
श्वेताभा से तन रंग डाला
रंगहीन आंचल संभालती
यात्रा पथ पर घूम रही हूं
मैं धरती मॉ बोल रही हूं।

मेरी गोद में पले जग सारा । Prithvi Diwas Par Kavita

मेरी गोद में पले जग सारा,
हर प्राणी कि जान हूँ मैं
समझूँ भेद का मैं ना इशारा,
सबके लिए समान हूँ मैं

भरती अनाज से घर मैं तुम्हारा,
समस्या का समाधान हूँ मैं
धरती माँ जिसने भी पुकारा,
मैं उसके लिए महान हूँ मैं

कभी मैं चंचल बहती धारा,
कभी सूखा रेगिस्तान हूँ मैं
हर किसान का बनूँ सहारा,
खेत हूँ और खलिहान हूँ मैं

जिसको हर मिटाने वाला हारा,
वोही अमिट निशान हूँ मैं

पृथ्वी दिवस पर कविताएं । Earth Day Poems in Hindi

पृथ्वी का हम सबको सलाम,
इसे बचाएंगे हम इसके हर अंग।
जिसके बिना न होगी हमारी जिंदगी,
दिन हो या रात, सदैव जीवन देती हमें ऊंची ऊंची छतें।

पृथ्वी हम सबकी माता,
इस पर ही निर्भर हमारी जिंदगी की उपलब्धियाँ।
इसे बचाएंगे हम सब,
खुशहाल रहेगा इसका हमेशा हाल।

पृथ्वी दिवस के अवसर पर,
हमें याद रखना चाहिए अपनी जिम्मेदारी की।
इसे संरक्षित रखने का है हमारा कर्तव्य,
सभी को मिलकर करना होगा इसकी रक्षा जिम्मेदारी।

पृथ्वी हमारी जान है,
इसकी रक्षा करना हमारा धर्म है।
आओ मिलकर इसे सुंदर बनाएं,
इसके हर अंगों की रक्षा करें और इसे स्वस्थ रखें।

पर्यावरण दिवस पर कविता 2023 । Paryavaran Diwas Par Kavita Poem in hindi

पेड़ कटाने वाले काट गए
क्या सोचा था एक पल में
वो किसी परिदे का घर उजाड़ गए
क्यों सोचा था एक पल में

वो धरती की मजबूत नीव उखाड़ गए
कितनी ही भूमि को वो सुनसान बना गए
इस पर्यावरण का मंजर वो एक पल में उजाड़ गए
ना करो इस पर्यावरण का उपहास

ये इस धरती का अपमान है
हर एक पेड़ पौधा और जीव जन्तु
इस धरती का सम्मान है
अगर करोगे इस धरती के साथ खिलवाड़

तो आने वाला कल होगा अन्धकार मय
इस बात को सोचो और चलो
करो एक सुनहरे पल की पहल
जो आने वाले जीवन को करे हरा भरा
और खुशहाल |

पृथ्वी का करो संरक्षण । Earth Day Poems in Hindi

जिसे बचाने लिए नारायण वराह अवतार।
उसी धरा को कर रहे क्षत-विक्षत चहुंओर।।

अनंतानंत ब्रह्मांड में न है धरा यही उपयोगी।
उपभोग करो संरक्षण करो न बनो ऐसे भोगी।।

हर पल हिमखंड पिघल रहे खतरे में है पृथ्वी।
सावधान हो जाओ अब भी है ये धरा सबकी।।

विषैला हो गया नीर विषैली धरा की ये समीर।
रोको विनाश अब भी धरा हुई कितनी अधीर।।

लोप हुए विपिन के शरणार्थी लुप्त हुई वनस्पति।
जल प्रलय का रौद्ररुप देख अब तो न कर मस्ती।।

हो तैयार कुछ कर यत्न तरुवर लगाओ अनन्त।
हो जाएगी हरी भरी सृष्टि प्रफुल्लित दिग्दिगन्त।।

विश्व पृथ्वी दिवस पर कविता Poem On Earth Day In Hindi । विश्व पृथ्वी दिवस पर कविता । आप सब को कैसे लगी कमेंट कर के जरूर बताये और अपने मित्रों संग शेयर जरूर करे

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