टाइम समय पर कविता । Poem On Time In Hindi : आज के समय मे सभी अपनी निजी जीवन को अच्छे से जीने के लिए दिनों रात मेहनत मजदूरी कर रहे रहे हैं। समय जो कि बहोत तेजी से गुजर रहा ह ऐसे में आप को अपना टाइम सही से उपयोग करना चाहिए। समय पर कविता जो आप अपने बचपन के समय पड़ा करते थे वो आज आपको बहोत अच्छा लगता है। यानी आप Time पर जो Kavita होती है उसे पसंद करते है।
Time Importance पर हमें नजर रखनी चाहिए ताकि हम अपना समय सही से उपयोग कर सके। आप आपको कुछ Time के ऊपर Poetry मिलेगी जिसे आप अपने मित्रों के साथ आनंद ले सकते हो।
Poem On Time In Hindi
(1)
“समय” – समय रुकता नहीं कविता
मैं तो केवल एक तथ्य हूं
सदियों से बदनाम हुआ हूं ,
किसी एक के नही सभी के
हाथों से मै छला गया हूं ।
भला ,बुरा ,बीता और गुजरा
दगाबाज धोखा देता हूं ,
कभी किसी का नहीं हुआ
हरदम ये सुनता रहता हूं ।
बिना किसी उपनाम के मेरी
अपनी कोई पहचान नहीं है ,
रोया और हंसा इकले ही
तुमको ये भी ज्ञात नहीं है ।
सदियों इतिहासो में दबकर
तेरे हाथो पलटा जाता हूं ,
भला बुरा सुनता रहता हूं
पर फ़िर से वापस आता हूं ।
मै तो सिर्फ ‘समय ‘ हूं तेरा
कभी नहीं बीता करता हूं
मेरी तो पहचान तुम्हीं हो
मैं तुमसे कब जीता करता हूं ……!!
कविता लेखक – सुनीता गुप्ता
((3))
समय का सबसे कहना है – Short Poem On Time In Hindi
समय का सबसे कहना है,
जीवन चलते रहना है,
इसकों मत बर्बाद करो,
सदा काम की बात करो।
समय पे सोना समय पे जागना,
समय पे खाना समय पे खेलना,
फिर आज का काम कल पे क्यों टालना,
मनन करो समय का नमन करो।
कल कल नदियाँ बहती है,
हर-पल सबसे कहती है,
जीवन बहता पानी है,
रुकना मौत की निशानी है!
(3)
समय गति कभी मधुर कभी संध्या हैं – समय का महत्व पर कविता
समय गति कभी मधुर सुबह कभी संध्या हैं
कभी प्रभात चमक कभी भयावह अन्धकार है
कभी जीत ध्वज तो कभी हार नैतिक मूल्यों की है
कभी मूल्यों की हार सी तो कभी साथ का प्रतीक हैं।
समय गति कभी मधुर सुबह कभी संध्या हैं
कभी एकता की झलक तो कभी तकरार हैं
कभी नित घटित प्यार तो कभी यादे साथ है
कभी वर्तमान की मार तो कभी आज का प्रहार हैं
समय गति कभी मधुर सुबह कभी संध्या हैं
कभी ये हँसी-ठिठोली तो कभी परेशानियां हैं
कभी मिलन समय का तो कभी पीड़ा बिछोह हैं
कभी बरसता सावन तो कभी दुख की पीड़ा है
समय गति कभी मधुर सुबह कभी संध्या हैं
कभी कर्मों का मेला तो जीवन झमेला हैं
कभी राम’सी मूरत तो कभी कृष्ण अलबेला हैं
कभी चिंतन बहुत तो कभी बेपरवाही अपार हैं।
समय पर कविताये Samay Par Kavita
समय का पहिया चलता जाए ,
कभी धुप तो छाँव ये लाये ,
चेतन रहता सदा किसान ,
बोया बीज , सजा खलियान ।
समय पे वाहन आते जाते ,
मंजिल पर सबको पहुंचाते ,
समय का करता जो अपमान ,
होता उसका हा नुक्सान ।
(4)
समय बड़ा बलवान – Poem On Time In Hindi
समय बड़ा बलवान है भाई,
समय बड़ा बलवान,
इसके आगे टिक नहीं पातें बड़े बड़े विद्वान,
समय के मर्म की जिसने जाना,
समझो जीवन गति पहचाना,
जीवन मैं कुछ पाना है तो,
समय के साथ कदम मिलाना,
समय का पहिया घूमता जाता,
टिक टिक कर के हमें जगाता,
यान हो विमान हो या कोई पैगाम हो,
समय सुनिश्चित होता है तो,
मंज़िल पे हमको पहुंचाता।
सही समय पर काम करो,
उन्नत जीवन का नाम करों,
समय की जिनको है पहचान,
बनते वे व्यक्ति महान,
जीवन उनका सुखमय होता,
पाते सदा मान सम्मान!
(5)
टाइम पर कविता – Poem For Time In Hindi
ना जाने वो पल हाथ से कैसे छूट गया
ना जाने कब कैसे कोई अपना रूठ गया
अनजान थी मैं हर एक वो चीज़ से
ना कोई अंदाज़ा रहा और
मेरा ख्वाब यू ही टूट गया
Vuपर अब मुझे समझ आ गया,
ख्वाब दूसरा आ जाएगा
वक़्त लेकिन चला जाएगा
वक़्त ऐसी चीज़ है जो
हँसाएगा ओर रुलायेगा |
(6)
यह समय कातिलाना है – समय पर कविता
नजरों को ओट कर दे
ढक ले अपने चेहरे को
यूं ही ना भटक गलियों में
यह समय कातिलाना है
मिल बैठे थे जो यार चार
अब कोई नहीं दिखता है
मिलना-जुलना अभी रहने दे
यह समय कातिलाना है
गले लगने की कौन कहे
हाथ मिलाने में भी डर लगता है
दो गज दूर ही रह ले
यह समय कातिलाना है
साये मौत के मंडरा रहे वहां
जहां लोग घुल-मिल रहे
श्रद्धांजलियां जहाँ-तहाँ
यह समय कातिलाना है
अकेले ही भाग चल तू
एकांत में रहना ही भला
बड़ा नाजुक दौर समझ ले
यह समय कातिलाना है
हवा का रुख बदलेगा अव्यक्त
वक्त लगेगा उसमें कुछ और
धैर्य धर ले इंतजार कर
यह समय कातिलाना है ।
कविता लेखक – हेमंत कुमार दुबे
(7)
समय सीमा – टाइम समय पर कविता
समय सीमा न रहती तो
बहुत देर बतियाते हम
अगर
सामने बैठे रहते तो कब याद आते हम
बात से यूँ ही
नई बात निकलती है
रिश्तों में उष्मा हो
तो कड़वाहट मोम बन पिघलती है
मोम की देह में
धागे की अस्थियाँ रहती हैं
मन में
पीड़ा,
पीड़ा में
खण्डित सपनों की बस्तियाँ रहती हैं
हर धड़्कन
बस यही बात मुझसे बार-बार कहती है
समय के साथ-साथ
देह,
देह के साथ-साथ
साँस
साँस के साथ ही तो
आस की नदियाँ बहती है।
जो बस एक बात कहती है
सपनों में
मन, हीरामन बन जाता है
एक
एक·के बाद दुसरी
फिर आखिरी
यानि तीसरी कसम खाता है
तीसरी कसम
यानि मोह से दूर रहेगा
अपनी
व्यथा नहीं किसी से कहेगा
कहने-सुनने
में फिर समय सीमा
की बात आ जाती है
उजला सा दिन होता है खत्म
स्याह रात आ जाती है
अन्धेरे में
नयनों के दीप जगाते हम
समय सीमा
न रहती तो कितना बतियाते हम
कविता लेखक – श्याम सखा ’श्याम’
(8)
समय के ब्लैक बोर्ड – Samay Par Hindi Short Kavita
समय के ब्लैक बोर्ड पर यादगार
पदचिन्ह छोड़ जाने की कोशिश में
रात दिन
अनवरत
भागमभाग कर रहे हैं हम !
चल रही है घड़ी
चल रही है दुनियाँ !
मनाते हैं हम
कोई दिन, कोई दिवस
बताने को
उसकी महत्ता !
दरअसल
दिन, दिवस, महीने
महान नही होते,
महान होते हैँ हमारे
किये गये कार्य,
जो बना देते हैं किसी क्षण को
चिरस्मरणीय!
या पोत देते हैं, कालिख
तारीख पर!
कविता लेखक – विवेक रंजन श्रीवास्तव
(9)
समय के चाल – Time Poem in Hindi
समय के चाल की
कोई आवाज नही होती
पर सुनाई
बहुत तेज देती है
कुछ पल
इस से चुरा के
जो अपने आंचल पर बिखराती हूँ
दर्द के कांटे
स्वयम में चुभता पाती हूँ
ये देता है एक हाथ से
दो हाथो से लेलेता है
बादल निचोड़
कुछ छीटे
तपते जीवन पर बिखरता तो है
पर सूरज बन
उस नमी को पी जाता है
अपनी मौज में झूमता गुजरता है
कितनी सांसे टूटी ,फूल बिखरे
इन बातों से
दमन इसका कब छलनी होता है
बेवफाई का बोझ ले के
नजाने ये कैसे जीता है
रुक जाता उस रोज जो
कुछ अपने बचा लेती मै
देता जो थोडी मोहलत
गले उनको लगा लेती मै
दिल की गर्द झड़ने में लगी थी मै
तभी समय ने
मुझको छू के कहा
रुक गया जो पल भर भी
कायनात सारी थम जायेगी
दर्द की झडी
जो लगाये बैठी हो
कभी ख़त्म न हो पायेगी
ये पल बीतेगा
तो अगला पल ,
दस्तक देगा दहलीज़ पर तेरी
अपनी तो कहदी तुमने
पर देखो तो मज़बूरी मेरी
गलती कर के हर कोई
इल्जाम मुझ पर धर देता है
कर के खड़ा
कटहरे में मुझको
स्वयम
ब इज्ज़त बरी होजाता है
आज है कांटे तो बुरा हूँ मै
कल जब फूलों पर चलोगी
तो क्या याद करोगी मुझको
खुशी और गम लेके
सभी की झोली में
टपकता हूँ
चलो ,अभी चलता हूँ
उम्मीद की किरण
सुख का सूरज
तेरे आंगन में उगाना है
छाव धूप में उलझते हुए
मुझको बीत जाना है
कविता लेखक – रचना श्रीवास्तव
(10)
समय ही तो बतलाएगा – Poem On Time In Hindi
कौन हमें सिखाएगा
जिंदगी के पथ पर निरंतर चलना
समय ही तो बतलाएगा
जो ना चलेगा समय के साथ
वह पीछे ही रह जाएगा
समझ लो लोगों ज्ञान की बात
बीता कल ना वापस आएगा
जो करेगा समय का अपमान
वो अपना नुकसान उठाएगा
तुम बैठोगे थक हार कर
पर यह तो चलता जाएगा
और एक बार जो हाथ से छूटा
तो तुमको बहुत रुलाएगा
यह तो समय का पहिया है साहब
यूं ही चलता जाएगा
(11)
समय कभी ना रूकता – समय पर अनमोल कविता
समय कभी ना रूकता ठहरता।
समय निरंतर चलता रहता।
समय कभी ना एक जैसा।
समय निरंतर बदलता रहता।
समय को ना कोई रोक पाया।
समय को ना कोई बदल पाया।
समय समय की बात है भैया।
समय सभी का बदलता रहता।
(12)
समय पर सर्वश्रेष्ट कविता – Poem On Time In Hindi 2023
समय तूम्हारे साथ साथ चलता हूँ मैं
तुम रुकते नही तुम थकते नही
तुम कही कभी भी थकते नही
क्या बात तुम्हारी है न्यारी
पीछे कभी तुम मुड़ते नही
तुमकों न कोई बाँध सका
सब मर्जों की तुम एक दवा
जो चाल तुम्हारी समझ गया
धरती पर उसने है राज किया
हे समय बड़े तुम बलशाली
वीरों को देते खुशहाली
सब आस निराश के ज्ञाता तुम
सुखों और दुखों के दाता तुम
तुम से ही जग में है वैभव
हो अभय तुम ही तुम ही अमृत
हे समय तुम्हे हम करे नमन
पीड़ा जग की अब करो हरण
हे समय तुम्हारे साथ है हम
(13)
Poem On Time In Hindi 2023
घड़ी बोले टिक टिक टिक
समय गवाएं ना अधिक
झट पट अपना काम कर
पढ़ लिख कर जग में ऊँचा नाम कर
समय गवाएं न अधिक
झट पट अपना काम कर
पढ़ लिखकर जग में ऊँचा नाम कर
घड़ी बोले टिक टिक टिक
सुई बोले आठ बजल
घड़ी बोले जा स्कूल
घड़ी बोले टिक टिक टिक
समय गवाएं ना अधिक
(13)
समय हूँ मैं – Samay Par Hindi Kavita
समय हूँ मैं,
सदैव चलायमान,
अनवरत बिना रुके, बिना थके।
बाँध सका न कभी,
कोई मुझको अपनी मुट्ठी में,
बस जो चला कदम मिलाकर मुझसे,
मैं उसका ही हो चला।
नही करता मैं किसी का इंतज़ार,
बढ़ती रहती मेरी हरदम रफ़्तार,
खानाबदोश सा हूँ मैं,
काम मेरा बस चलते जाना।
पल-पल से है मेरी जिंदगी,
बेशकीमती हूँ लोग कहते मुझे,
जिसने समझी मेरी अहमियत,
बदल दी मैंने उसकी क़िस्मत और काया।
समय हूँ मैं,
सदैव चलायमान,
अनवरत बिना रुके, बिना थके।
(13)
समय का महत्व कविता – बदलते समय पर कविता
यदि हृदय से किया परिश्रम हो
मरुथल में फूल भी खिलता है,
समय चक्र जब चलता है
फल करनी का मिलता है।
व्यर्थ बैठकर यूँ ही तुमको
समय नहीं गंवाना है
लक्ष्य ठान कर अपना तुमको
आगे बढ़ते जाना है,
थमे नहीं राहों में कभी
मिलती तभी सफलता है
समय चक्र जब चलता है
फल करनी का मिलता है।
जीवन में चलता रहता
सुख-दुःख का आना-जाना
बनता वही महान है
जो इनसे हार न माना,
बाद अँधेरी रात सदा ही
प्रातः सूर्य निकलता है
समय चक्र जब चलता है
फल करनी का मिलता है।
भूत भविष्य की चिंता छोड़
आज पे अपना ध्यान करो
मिले सफलता उसकी खातिर
अर्जित पहले ज्ञान करो,
करते रहो प्रयास तो
इक दिन पर्वत भी हिलता है
समय चक्र जब चलता है
फल करनी का मिलता है।
यदि हृदय से किया परिश्रम हो
मरुथल में फूल भी खिलता है,
समय चक्र जब चलता है
फल करनी का मिलता है।
(14)
समय का अच्छे से आज सदुपयोग करो – समय पर हिंदी कविता
समय का अच्छे से आज सदुपयोग करो
ऐसे न आज समय को बर्बाद करो
कल उम्र निकल जायेगी बहुत आगे
अगर तुम आज सोते रह जाओगे
अपनी नाकामियों को तुम फिर
समय का खेल बतलाओगे
समय का सदुपयोग करना
जिस इंसान को आ गया
समझलो लो उस इंसान ने
अपने लक्ष्य को है पा लिया|
(15)
समय का हमसे कहना – समय पर छोटी कविता
समय का हमसे कहना है
मेहनत के साथ मेरा रहना है
जिंदगी मे सफल होना हें तो
हमें मेहनत करते रहना होगा
समय के साथ – साथ चलकर
हमें अपने लक्ष्य को पाना होगा
मुसीबते आयेगी समय-समय पर
हमें उनसे नहीं तब डरना होगा
समय के साथ – साथ चलना होगा
मेहनत करने से नहीं डरना होगा
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