पंचतंत्र की कहानी मूर्ख पंडित । Murkh Pandit Panchatantra एक गांव था , जहा एक ब्राह्मण पुरुष रहता था, ब्राह्मण पुरुष माँ दुर्गा का परम भक्त था, ब्राह्मण पुरुष माँ दुर्गा का दर्शन करना चाहता था।
तो वो अपने गुरु के पास गया और उनसे पूछा की हे गुरुवर मुझे माँ दुर्गा का दर्शन प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए। तो ब्राह्मण पुरुष के गुरु ने बोलै की हे शिष्य माँ दुर्गा का दर्शन पाना इतना आसान नहीं है।
माँ दुर्गा का दर्शन पाने के लिए तुम्हे कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी तुम ये कड़ी तपस्या नहीं कर पाओगे तुम रहने दो। तब ब्राह्मण पुरुष ने बोला की हे गुरुवर मैं माँ दुर्गा के दर्शन के लिए बहुत अभिलाषी हूँ कृपा करके आप मुझे उपाय बताए।
तब ब्राह्मण के गुरुवर ने बताया की तुम को कही दूर घने जंगल में जाकर सब मोह माया छोड़ कर माँ दुर्गा के लिए तपस्या करनी पड़ेगी तभी जा कर कही तुम्हे माँ दुर्गा का दर्शन प्राप्त होगा।
उसके बाद ब्राह्मण अपने गुरु का आशीर्वाद लेकर निकल पड़ा घने जंगल की और फिर कही दूर जाकर किसी जंगल में ब्राह्मण माँ दुर्गा की आराधना करना चालू कर दिया।
फिर कई महीने बीत गए कई मौसम बीत गए बारिश, आंधी तूफान सह कर ब्राह्मण ने अपनी तपस्या जारी रक्खा ये देख माँ दुर्गा ब्राह्मण को अपना दर्शन दी और बोली की पुत्र मैं तुम्हारी तपस्या से बहुत खुश हूँ बताओ तुम्हे क्या चाहिए।
- लालची कुत्ते की कहानी । Greedy Dog Story In Hindi 2023
- वाल्मीकि रामायण कथा हिंदी में । Ramayan Katha In Hindi
Panchatantra Hindi Story । पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में
तो ब्राह्मण ने बोला की हे माँ आप दर्शन हो गए, बस मुझे और कुछ नहीं चाहिए। तो फिर दुर्गा जी बोली अरे पुत्र कुछ तो मांग लो जो भी तुम्हारी इच्छा हो मानगो , लेकिन ब्राह्मण न बोल दिया फिर दुर्गा जी बोली की कुछ तो मांग लो पुत्र तो ब्राह्मण ने बोला की हे माँ अगर आप मुझे कुछ देना चाहती है तो आप मुझे संजीवनी बूटी दे दीजिए।
तो माँ दुर्गा ने ब्राह्मण को संजीवनी बूटी देदी और बोली की अब तुम इस संजीवनी से किसी मरे को जिन्दा कर सकते हो और वो और ताकतवर हो जायेगा और ये संजीवनी कभी सूखेगी नहीं और न ख़तम होगा उसके दुर्गा जी गायब होगी।
उसके बाद ब्राह्मण घर की तरफ निकल गया और सोचने लगा की अब गांव में किसी के वह दुःख नहीं होगा। अगर कोई मरेगा तो मैं उसे संजीवनी से जिन्दा कर दुगा और इससे मेरा बड़ा नाम होगा और शयद लोग मुझे गांव का सरपंच भी बना दे, ये सब सोचते हुए ब्राह्मण अपन गांव की तरफ चल रहा था। फिर उसके मन ये ख्याल आया की कही ये संजीवनी झूठी तो नहीं कही ये काम ही न करे तो.
फिर ब्राह्मण ने सोचा की क्यों न इसका कही उपयोग करके इसका टेस्ट किया जाए फिर इधर उधर भटकने के बाद ब्राह्मण को एक मारा हुआ शेर दिखा तो उसने संजीवनी के के पत्ते को रगड़ कर उसका रस उस शेर पर डालने लगा और उसके बाद वो शेर जिन्दा होने लगा ये देख ब्राह्मण खुश हो गया लेकिन जो शेर जिन्दा हो रहा था।
वो भूख के कारण मारा था। जब शेर जिन्दा हुआ तो वो पहले से और ताकतवर हो गया, और शेर गरज के ब्राह्मण को पकड़ कर खा गया।-पंचतंत्र की कहानी.
- सीता हरण की कहानी । Story Of Sita Haran In Hindi
- बंदर और बिल्ली की कहानी | Monkey And At Story In Hindi
- जादुई चप्पल की जादुई कहानी । Hindi Moral Story For Kids
- बंदर और मगरमच्छ की कहानी । Monkey And Crocodile Story In Hindi
इस कहानी से क्या सीख मिली : पंचतंत्र की कहानी इससे हमे सिख मिलती है, की हमे कोई भी काम करने से पहले उसके परिणाम के बारे में जरूर सोचना चाहिए।