मां पर बेस्ट कविता । Poem In Hindi On Maa 2023

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माँ पर कविताएँ । Poem In Hindi On Maa : दोस्तों अगर आप माँ पर कविता, माँ पर कविता बेटी, माँ पर दो लाइन कविता (maa poetry in hindi) ढूंढ रहे है तो आप बिलकुल सही जगह सही वेबसाइट पर आए है। आज हम आपके साथ इस पोस्ट में माँ पर कविताएँ बहुत ही लोकप्रिय कविताएँ आपके साथ शेयर करने जा रहे है। इन कविता में माँ पर माँ के संघर्ष भरी ज़िंदगी के बारे में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण अनमोल बातो का वर्णन किया है।

माँ जो अपनी सारी खुशियां अपने बचों में लूटा दे ताकि वे खुश हो जाये। इस धरती पर अगर कोई भगवन है तो वो हमारी आपकी माँ है जिसे अपने बचों को खुश देखकर खुसी मिलती हैं। आज आप को कुछ मां पर बेस्ट कविता -कविताएं देखने को मिलेगी जो माँ पर आधारित हैं। यहां आपको माँ के ऊपर सारी कविताएं मिलेंगी जिसे आप Mothers Day 2023 के दिन आप अपनी माता को सुना या फिर उन के Whatsapp पर भेज कर Wish कर सकते हैं।

माँ पर कविताएँ । maa poetry in hindi

(1)

माँ पर कविताएँ Poem In Hindi On Maa

मेरी प्यारी माँ तू कितनी प्यारी है
जग है अंधियारा तू उजियारी है,

शहद से मीठी हैं तेरी बातें
आशीष तेरा जैसे हो बरसातें
डांट तेरी है मिर्ची से तीखी
तुझ बिन ज़िंदगी है कुछ फीकी,

तेरी आंखो में छलकते प्यार के आंसू
अब मैं तुझसे मिलने को भी तरसूं
माँ होती है भोरी भारी
सबसे सुन्दर प्यारी प्यारी

(2)

गांव पर सुंदर कविता हिंदी में । Poem On Village In Hindi 2023

Short Poem On Maa For Kids Class 1,2,3,4,5,6

घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाँव में,
जाने कब बड़ा हुआ.

काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
माँ प्यार ये तेरा कैसा है?

सीधा-साधा, भोला-भाला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊ बड़ा,
“माँ!” मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ

(3)

Love Touching Poem On Maa

भगवान का दूसरा रूप है माँ,
उनके लिए दे देंगे जां,
हमको मिलता जीवन उनसे,
कदमो में है स्वर्ग बसा,

हमारी खुशी में खुश हो जाती,
दुःख में हमारे आंसू बहाती,
कितने खुशनसीब है हम,
पास हमारे है माँ।

वो मेरी आँखों की ज्‍योति‍
मैं उसकी आँखों का मोती।
कि‍तने आँचल रोज भि‍गोती,
वो फि‍र भी ना धीरज खोती।

शब्‍द नहीं माँ कैसी होती,
माँ तो बस माँ जैसी होती।
आज हूँ जो, वो कभी न होती,
मेरे संग जो माँ ना होती।

(4)

Sad Heart Touching Poem In Hindi

फूल कभी दोबारा नहीं खिलते
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते

मिलते है लोग हजारो,
पर हजारो गलतियां माफ़
करने वाले माँ-बाप नहीं मिलते।

माँ की ममता करुणा न्यारी,
जैसे दया की चादर
शक्ति देती नित हम सबको,
बन अमृत की गागर
साया बन कर साथ निभाती,

चोट न लगने देती
पीड़ा अपने उपर ले लेती,
सदा सदा सुख देती
माँ का आँचल सब खुशियों की,
रंगा रंग फुलवारी
इसके चरणों में जन्नत है,

आनन्द की किलकारी
अदभुत माँ का रूप सलोना,
बिलकुल रब के जैसा
प्रेम के सागर सा लहराता,
इसका अपनापन ऐसा..

(5)

माँ पर कविताएँ Poem In Hindi For Maa

माँ भगवान का दूसरा रूप
उनके लिए दे देंगे जान
हमको मिलता जीवन उनसे
कदमो में है स्वर्ग बसा

संस्कार वह हमे बतलाती
अच्छा बुरा हमे बतलाती
हमारी गलतियों को सुधारती
प्यार वह हमपर बरसती…

तबियत अगर हो जाए खराब
रात-रात भर जागते रहना

माँ बिन जीवन है अधुरा
खाली-खाली सुना-सुना
खाना पहले हमे खिलाती
बादमे वह खुद खाती…

हमारी ख़ुशी में खुश हो जाती
दुःख में हमारी आँसू बहाती
कितने खुश नसीब है हम

पास हमारे है माँ
होते बदनसीब वो कितने
जिनके पास ना होती माँ….

(6)

Kids Poem In Hindi । बच्चों की बाल कविताएं 

बच्चों के लिए हिन्दी हास्य कविता Hasya Kavita For Kids

50+ बच्चों की बाल कविता – शिक्षाप्रद बाल कविता

माँ पर कविता Maa Par Kavita In Hindi

माँ की ममता करुणा न्यारी,
जैसे दया की चादर,

शक्ति देती नित हम सबको,
बन अमृत की गागर,

साया बनकर साथ निभाती,
चोट न लगने देती,

पीड़ा अपने ऊपर ले लेती,
सदा सदा सुख देती

माँ तो जन्नत का फूल हैं,
प्यार करना उसका उसूल हैं,

दुनिया को मोहब्बत फिजूल हैं,
माँ की हर दुआ कबूल हैं,

(6)

Poetry In Hindi On Maa With Lyrics

Meri Pyari Maa

बचपन में सोचा करती थी मैं ,
बैठ कदम्ब के पेड़ के नीचे,
कि “माँ” ही वो दौलत है मेरी ,
जो इतने स्नेह से मुझको सींचे ।

विद्यालय से झूठ बोलकर आ,
जब मै कमरे में छुप जाती थी,
तब “माँ” ही मुझको समझाकर ,
प्यार से गले लगाती थी ।

सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,
याद रखना की बस माँ-बाप नहीं मिलते,
मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से,
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।

(7)

Poem In Hindi About Mother

मम्मी
परीलोक की कथा-कहानी
हँसकर मुझे सुनातीं मम्मी,
फूलों वाले, तितली वाले
गाने मुझे सिखातीं मम्मी।

खीर बने या गरम पकौड़े
पहले मुझे खिलातीं मम्मी,
होमवर्क पूरा कर लूँ तो-
टॉफी-केक दिलातीं मम्मी।

काम अगर मैं रहूँ टालता
तब थोड़ा झल्लातीं मम्मी,
झटपट झूठ पकड़ लेती हैं
मन-ही-मन मुसकातीं मम्मी।

रूठूँ तो बस बात बनाकर
पल में मुझे मनातीं मम्मी,
बड़ा लाड़ला तू तो मेरा-
कहकर मुझे रिझातीं मम्मी।

वो एक माँ है ..

वो एक माँ है ,जो अपने बच्चों की खातिर,
जीवन में सौ सौ कष्ट उठाती है ।
कैसी भी विकट परिस्थितियां हो चाहे,
वो अपनी किस्मत से भी लङ जाती है ।

चंद्र भौम पर पहुँच रहा है मानव,
पर गरीबों की आज भी यही कहानी है,
संघर्षों और कष्टों के पथ पर चलकर,
गरीब माँ को दो जून की रोटी कमानी है ।

कङकङाती ठंड हो या ग्रीष्म का ताप हो,
निकलना है काम पर चाहे भीषण बरसात हो,
संघर्षों से लङती भिङती ,दो रोटी जुटाती है, चाहे बोझ हो कितना हँस कर सहती जाती है।

खून पसीना बहाती ,कंचन काया पिघलाती
बच्चो की खातिर हर कष्ट सह जाती है ।
वो एक माँ है ,जो अपना हांङ माँस गलाती है
तब जाकर बच्चों को दो निवाले खिलाती है।

(8)

maa poetry in hindi

पहली धड़कन भी मेरी धडकी थी तेरे भीतर ही,
जमी को तेरी छोड़ कर बता फिर मैं जाऊं कहां.

आंखें खुली जब पहली दफा तेरा चेहरा ही दिखा,
जिंदगी का हर लम्हा जीना तुझसे ही सीखा.

खामोशी मेरी जुबान को  सुर भी तूने ही दिया,
स्वेत पड़ी मेरी अभिलाषाओं को रंगों से तुमने  भर दिया.

अपना निवाला छोड़कर मेरी खातिर तुमने भंडार भरे,
मैं भले नाकामयाब रही फिर भी मेरे होने का तुमने अहंकार भरा.

वह रात  छिपकर जब तू अकेले में रोया करती थी,
दर्द होता था मुझे भी, सिसकियां मैंने भी सुनी थी.

ना समझ थी मैं इतनी खुद का भी मुझे इतना ध्यान नहीं था,
तू ही बस वो एक थी, जिसको मेरी भूख  प्यार का पता था.

पहले जब मैं बेतहाशा धूल मैं खेला करती थी,
तेरी चूड़ियों तेरे पायल की आवाज से डर लगता था.

लगता था तू आएगी बहुत  डाटेंगी और कान पकड़कर मुझे ले जाएगी,
माँ आज भी मुझे किसी दिन धूल धूल सा लगता है.

चूड़ियों के बीच तेरी गुस्से भरी आवाज सुनने का मन करता है,
मन करता है तू आ जाए बहुत डांटे और कान पकड़कर मुझे ले जाए.

जाना चाहती हूं  उस बचपन में फिर से जहां तेरी गोद में सोया करती थी,
जब काम में हो कोई मेरे मन का तुम बात-बात पर रोया करती थी.

जब तेरे बिना लोरियों  कहानियों यह पलके सोया नहीं करती थी,
माथे पर बिना तेरे स्पर्श के ये आंखें जगा नहीं करती थी.

अब और नहीं घिसने देना चाहती तेरे ही मुलायम हाथों को,
चाहती हूं पूरा करना तेरे सपनों में देखी हर बातों को.

खुश होगी माँ एक दिन तू भी,
जब लोग मुझे तेरी बेटी कहेंगे.

(9)

माँ पर लोकप्रिय कविताएं । Short Poem on maa in Hindi

मेरे सर्वस्व की पहचान
अपने आँचल की दे छाँव
ममता की वो लोरी गाती
मेरे सपनों को सहलाती
गाती रहती, मुस्कराती जो
वो है मेरी माँ।

प्यार समेटे सीने में जो
सागर सारा अश्कों में जो
हर आहट पर मुड़ आती जो
वो है मेरी माँ।

दुख मेरे को समेट जाती
सुख की खुशबू बिखेर जाती
ममता की रस बरसाती जो
वो है मेरी माँ।

(10)

माँ पर दो लाइन कविता

चिंतन दर्शन जीवन सर्जन
रूह नज़र पर छाई अम्मा
सारे घर का शोर शराबा
सूनापन तनहाई अम्मा

उसने खुद़ को खोकर मुझमें
एक नया आकार लिया है,
धरती अंबर आग हवा जल
जैसी ही सच्चाई अम्मा

सारे रिश्ते- जेठ दुपहरी
गर्म हवा आतिश अंगारे
झरना दरिया झील समंदर
भीनी-सी पुरवाई अम्मा

घर में झीने रिश्ते मैंने
लाखों बार उधड़ते देखे
चुपके चुपके कर देती थी
जाने कब तुरपाई अम्मा

बाबू जी गुज़रे, आपस में-
सब चीज़ें तक़सीम हुई तब-
मैं घर में सबसे छोटा था
मेरे हिस्से आई अम्मा

(11)

माँ पर कविता बेटी

कहाँ से शुरू करूँ – कहाँ पे ख़त्म करूँ
त्याग और प्रेम उस माँ का
भला मैं कैसे बयान करूँ।

किसी ने रोज़ा रखा, किसी ने उपवास रखा,
मगर याद रखना क़ुबूल उसी का होगा
जिसने अपनी मां का ख़्याल रखा ।

(12)

माँ बेटी का रिश्ता कविता

जब मैं तुम्हें ‘झा’ करती थी,
पीछे तुम्हारे छिप के तुम्हें परेशान करती थी,
वो बचपन के दिन कभी धुंधली ना पड़े,
तुमने तस्वीरों में कैद कर दिया उन्हें।

जब कहीं भी मेरा नाम हुआ,
सबके पीछे तुम थी,
छुप के पीछे से हमेशा

मेरे नाम और हौसले को कभी कम ना होने दिया।
जब कोई दोस्त नहीं था, तब दोस्त बन के मुझे सताया,
रिश्तो, दोस्ती और प्यार करने का मतलब समझाया।

आज जब लिखने की बारी आई तुम्हारे लिए फिर, तो क्या लिखू …..?
कैसे उन लंबहो को शब्दों में कैद कर दूँ,
कैसे हमारे प्यार को मोतियों में पिरो के बांध दूँ,
कैसे हमारे इस रिश्ते को बस ‘माँ-बेटी’ के रिश्ते का नाम मैं दे दूँ।

(13)

मेरी प्यारी माँ – Maa Par Kavita in Hindi

ओ मेरी प्यारी माँ,
सारे जग से न्यारी माँ.

मेरी माँ प्यारी माँ,
सुन लो मेरी वाणी माँ.

तुमने मुझको जन्म दिया,
मुझ पर इतना उपकार किया.

धन्य हुई मैं मेरी माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ.

अच्छे बुरे में फर्क बताया,
तुमने अपना कर्तव्य निभाया.

अच्छी बेटी बनूंगी माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ.

करूंगी तेरा मैं गुणगान,
करूंगी तेरा मैं सम्मान.

शब्द भी पड़ गए थोड़े तेरे गुणगान के लिए माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ.

(14)

मां पर बेस्ट कविता – Best Poem On Mother In Hindi

चूल्हे की
जलती रोटी सी
तेज आँच में जलती माँ !
भीतर -भीतर
बलके फिर भी
बाहर नहीं उबलती माँ !

धागे -धागे
यादें बुनती ,
खुद को
नई रुई सा धुनती ,
दिन भर
तनी ताँत सी बजती
घर -आँगन में चलती माँ !

सिर पर
रखे हुए पूरा घर
अपनी –
भूख -प्यास से ऊपर ,
घर को
नया जन्म देने में
धीरे -धीरे गलती माँ !

फटी -पुरानी
मैली धोती ,
साँस -साँस में
खुशबू बोती ,
धूप -छाँह में
बनी एक सी
चेहरा नहीं बदलती माँ !

(15)

माँ पर कविता – short poem on maa in hindi

अंधियारी रातों में मुझको
थपकी देकर कभी सुलाती
कभी प्यार से मुझे चूमती
कभी डाँटकर पास बुलाती

कभी आँख के आँसू मेरे
आँचल से पोंछा करती वो
सपनों के झूलों में अक्सर
धीरे-धीरे मुझे झुलाती

सब दुनिया से रूठ रपटकर
जब मैं बेमन से सो जाता
हौले से वो चादर खींचे
अपने सीने मुझे लगाती

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