Famous Hasya Kavita in Hindi: नमस्कार दोस्तों, यहां पर हमने मजेदार हास्य कविता हिंदी संग्रह शेयर की है। यह हिंदी हास्य कविताएं को बहुत ही प्रसिद्ध कवियों द्वारा रचित है। हम उम्मीद करते हैं आपको यह हास्य कविता (hindi funny poem) पसंद आयेगी। इन्हें आगे शेयर जरूर करें।
विश्व में हास्य दिवस समारोह हर वर्ष मई के महीने में पहले रविवार को मनाया जाता है, भारत में विश्व हास्य दिवस की शुरुवात 11 जनवरी को मुंबई में डॉ मदन कटारिया जी के द्वारा हुआ था।
हालाकि की विश्व हास्य दिवस को भारत में कोई 10 जनवरी, 11 जनवरी, 12 जनवरी को मनाया है
क्योंकि तीनों दिन हास्य सम्मेलन हुआ पहली बार इसलिए ऐसा दुविधा हुआ। इस वर्ष 2023 में भी हास्य दिवस के दिन लोग अपने कविता, शायरी को लोगो के सामने प्रस्तुत करेंगे।
विश्व हास्य दिवस पर कविता हिन्दी में
अक्ल बाटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारी।
सभी आदमी खड़े हुए थे, कहीं नहीं थी नारी।।
सभी नारियाँ कहाँ रह गई, था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में, पहुँच गई थी सारी।।
मेकअप की थी गहन प्रक्रिया, एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में, कब आएगी बारी।।
उधर विधाता ने पुरूषों में, अक्ल बाँट दी सारी ।
पार्लर से फुर्सत पाकर के, जब पहुँची सब नारी।।
बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं , नींद खुली ब्रह्मा की।।
पूछा कैसा शोर हो रहा, ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का पुरुष ले गए सारे।।
ब्रह्मा जी ने कहा देवियों , बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल सभी वो, पुरुषों में भर दी है।।
लगी चीखने महिलाये , ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो, चाहिए हमको आधा भाग हमारा।।
हास्य कविता 2023
पुरुषो में शारीरिक बल है, हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी , निज रक्षा कर पाएं।।
बहुत सोच दाढ़ी सहलाकर, तब बोले ब्रह्मा जी ।
इक वरदान तुम्हे देता हूँ , हो जाओ अब राजी।।
थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी , रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो, अक्ल जायेगी मारी।।
एक बोली, क्या नहीं जानते! स्त्री कैसी होती है?
हंसने से ज्यादा महिलाये, बिना बात रोती है।।
ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की, बुद्धि को हर लेगा।।
इक बोली, हमको ना रोना, ना हंसना आता है।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम, झगड़ा ही भाता है।।
ब्रह्मा बोले चलो मान ली, यह भी बात तुम्हारी ।
घर में जब भी झगड़ा होगा, होगी विजय तुम्हारी।।
जग में अपनी पत्नी से जब कोई पति लड़ेगा।
पछताएगा, सिर ठोकेगा आखिर वही झुकेगा।।
ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से, अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दे दिए, पूरा न्याय हमारा।।
इन अचूक शस्त्रों में भी, जो मानव नहीं फंसेगा ।
बड़ा विलक्षण जगतजयी ऐसा नर दुर्लभ होगा।।
कहे कवि सब बड़े ध्यान से, सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है, नर पर नारी भारी।।
पत्नी पर हास्य कविता । Best Hindi Hasya Kavita
एक दिन मामला यों बिगड़ा
कि हमारी ही घरवाली से
हो गया हमारा झगड़ा
स्वभाव से मैं नर्म हूं
इसका अर्थ ये नहीं
के बेशर्म हूं
पत्ते की तरह कांप जाता हूं
बोलते-बोलते हांफ जाता हूं
इसलिये कम बोलता हूं
मजबूर हो जाऊं तभी बोलता हूं
हमने कहा-“पत्नी हो
तो पत्नी की तरह रहो
कोई एहसान नहीं करतीं
जो बनाकर खिलाती हो
क्या ऐसे ही घर चलाती हो
शादी को हो गये दस साल
अक्ल नहीं आई
सफ़ेद हो गए बाल
पड़ौस में देखो अभी बच्ची है
मगर तुम से अच्छी है
घर कांच सा चमकता है
और अपना देख लो
देखकर खून छलकता है
कब से कह रहा हूं
तकिया छोटा है
बढ़ा दो
दूसरा गिलाफ चढ़ा दो
चढ़ाना तो दूर रहा
निकाल-निकाल कर रूई
आधा कर दिया
और रूई की जगह
कपड़ा भर दिया
प्रसिद्ध हास्य कवियों की पत्नी पर हास्य कविताएं
एक माह से लगातार
कद्दू बना रही हो
वो भी रसेदार
ख़ूब जानती हो मुझे नहीं भाता
खाना खाया नहीं जाता
बोलो तो कहती हो-
“बाज़ार में दूसरा साग ही नहीं आता।”
कल पड़ौसी का राजू
बाहर खड़ा मूली खा रहा था
ऐर मेरे मुंह मे पानी आ रहा था
कई बार कहा-
ज़्यादा न बोलो
संभालकर मुंह खोलो
अंग्रेज़ी बोलती हो
जब भी बाहर जाता हूं
बड़ी अदा से कहती हो-“टा….टा”
और मुझे लगता है
जैसे मार दिया चांटा
मैंने कहा मुन्ना को कब्ज़ है
ऐनिमा लगवा दो
तो डॉक्टर बोलीं-“डैनिमा लगा दो।”
वो तो ग़नीमत है
कि ड़ॉक्टर होशियार था
नीम हकीम होता
तो बेड़ा ही पार था
वैसे ही घर में जगह नहीं
एक पिल्ला उठा लाई
पाव भर दूध बढा दिया
कुत्ते का दिमाग चढ़ा दिया
तरीफ़ करती हो पूंछ की
उससे तुलना करती हो
हमारी मूंछ की
तंग आकर हमने कटवा दी
मर्दो की रही सही
निशानी भी मिटवा दी
हास्य कविताएं । hasy Kavita in Hindi (2023)
मायके जाती हो
तो आने का नाम नहीं लेतीं
लेने पहुंच जाओ
तो मां-बाप से किराए के दाम नहीं लेतीं
कपड़े
बाल-बच्चों के लिये
सिलवा कर ले जाती हो
तो भाई-भतीजों को दे आती हो
दो साड़ियां क्या ले आती हो
सारे मोहल्ले को दिखाती हो
साड़ी होती है पचास की
मगर सौ की बताती हो
उल्लू बनाती हो
हम समझ जाते हैं
तो हमें आंख दिखाती हो
हम जो भी जी में आया
बक रहे थे
और बच्चे
खिड़कियो से उलझ रहे थी
हमने सोचा-
वे भी बर्तन धो रही हैं
मुन्ना से पूछा, तो बोला-“सो रही हैं।”
हमने पूछा, कब से?
तो वो बोला-
“आप चिल्ला रहे हैं जब से।”
गुदगुदाने वाली हास्य कविताएं । hasya kavita in hindi 2023
हंसो, तो
बच्चों जैसी हंसी,
हंसो, तो
सच्चों जैसी हंसी।
इतना हंसो
कि तर जाओ,
हंसो
और मर जाओ।
हँसो और मर जाओ
चौथाई सदी पहले
लगभग रुदन-दिनों में
जिनपर
हम
हंसते-हंसते मर गए
उन
प्यारी बागेश्री को
समर-पति की ओर
स-समर्पित
श्वेत या श्याम
छटांक का ग्राम
धूम या धड़ाम
अविराम या जाम,
जैसा भी है
ये था उन दिनों का-
काम
बेहतरीन हास्य कविता । Famous Hasya Kavita in Hindi
‘काका’ वेटिंग रूम में फँसे देहरादून।
नींद न आई रात भर, मच्छर चूसें खून।।
मच्छर चूसें खून, देह घायल कर डाली।
हमें उड़ा ले ज़ाने की योजना बना ली।।
किंतु बच गए कैसे, यह बतलाएँ तुमको।
नीचे खटमल जी ने पकड़ रखा था हमको।।
हुई विकट रस्साकशी, थके नहीं रणधीर।
ऊपर मच्छर खींचते नीचे खटमल वीर।।
नीचे खटमल वीर, जान संकट में आई।
घिघियाए हम- “जै जै जै हनुमान गुसाईं।।
पंजाबी सरदार एक बोला चिल्लाके।
त्व्हाणूँ पजन करना होवे तो करो बाहर जाके।।
हिंदी हास्य कविता फॉर स्टूडेंट्स । Hindi Hasya Kavita for Students
गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे
जो अच्छा है जो बुरा है
उसकी हम पहचान करे
मार्ग मिले चाहे जैसा भी
उसका हम सम्मान करे
दीप जले या अँगारे हो
पाठ तुम्हारा याद रहे
अच्छाई और बुराई का
जब भी हम चुनाव करे
गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे।
छोटी हास्य कविता । हास्य दिवस पर कविता । Funny Kavita in Hindi
नदी में डूबते आदमी ने
पुल पर चलते आदमी को
आवाज लगाई- ‘बचाओ!’
पुल पर चलते आदमी ने
रस्सी नीचे गिराई
और कहा- ‘आओ!’
नीचे वाला आदमी
रस्सी पकड़ नहीं पा रहा था
और रह-रह कर चिल्ला रहा था-
‘मैं मरना नहीं चाहता
बड़ी महंगी ये जिंदगी है
कल ही तो एबीसी कंपनी में
मेरी नौकरी लगी है।’
इतना सुनते ही
पुल वाले आदमी ने
रस्सी ऊपर खींच ली
और उसे मरता देख
अपनी आंखें मींच ली
दौड़ता-दौड़ता
एबीसी कंपनी पहुंचा
और हांफते-हांफते बोला-
‘अभी-अभी आपका एक आदमी
डूब के मर गया है
इस तरह वो
आपकी कंपनी में
एक जगह खाली कर गया है
ये मेरी डिग्रियां संभालें
बेरोजगार हूं
उसकी जगह मुझे लगा लें।’
ऑफिसर ने हंसते हुए कहा-
‘भाई, तुमने आने में
तनिक देर कर दी
ये जगह तो हमने
अभी दस मिनिट पहले ही
भर दी
और इस जगह पर हमने
उस आदमी को लगाया है
जो उसे धक्का देकर
तुमसे दस मिनिट पहले
यहां आया है।
लाक डाउन पर हास्य कविता । Lockdown hasya kavita in hindi
लाक डाउन लागू है,
लॉक डाउन चालु है
क्योंकि कोरोना बड़ा दयालु है
बरसायेगा आप पर प्रेम अपार
और आप जाओगे स्वर्ग सिधार
सिधार गए जहाँ में अनेक
कोरोना कर रहा सेलिब्रेट
अतः आप भी ना बने उसका टेस्ट
हो सके जितना घर पे करें रेस्ट
रेस्ट करते हुए सरकार की माने बात
नहीं देखेगा कोरोना कौनसी आपकी जात
बस चिपक जाएगा आप से
छूटने से ना छूटेगा जाप।
बेहतरीन हास्य कविता रेल की यात्रा
एक बार हमें करनी पड़ी रेल की यात्रा
देख सवारियों की मात्रा
पसीने लगे छूटने
हम घर की तरफ़ लगे फूटने।
इतने में एक कुली आया
और हमसे फ़रमाया
साहब अंदर जाना है?
हमने कहा हां भाई जाना है….
उसने कहा अंदर तो पंहुचा दूंगा
पर रुपये पूरे पचास लूंगा
हमने कहा समान नहीं केवल हम हैं
तो उसने कहा क्या आप किसी सामान से कम हैं?
जैसे तैसे डिब्बे के अंदर पहुचे
यहां का दृश्य तो ओर भी घमासान था
पूरा का पूरा डिब्बा अपने आप में एक हिंदुस्तान था
कोई सीट पर बैठा था, कोई खड़ा था
जिसे खड़े होने की भी जगह नही मिली वो सीट के नीचे पड़ा था…
इतने में एक बोरा उछलकर आया और एक गंजे सर से टकराया
गंजा चिल्लाया यह किसका बोरा है?
बाजू वाला बोला इसमें तो बारह साल का छोरा है…
तभी कुछ आवाज़ हुई और
इतने में एक बोला, चली चली
दूसरा बोला या अली …
हमने कहा काहे की अली, काहे की बलि
ट्रेन तो बगल वाली। चली
विद्यार्थी जीवन पर हास्य कविता । Funny hasya kavita in hindi
सजीव को निर्जीव बना दे, निर्जीव को सजीव।
विद्यार्थी इस धरती का ऐसा शक्तिशाली जीव।।
जीव है ऐसा जिबान जिसकी टीचर से भी तेज।
खूब पकाये सिर, तोड़े स्टूल, कुर्सी, मेज।।
मेज पर लिख देता किसी लड़की का नाम।
जब आये पीटने की बारी दोस्त को करे बदनाम।।
बदनामी से जुड़ा एक और जबरदस्त खेल।
खुद पास ना हो पाए तो टीचर को बताये फेल।।
फेल हो जाते समझने में टीचर देख के इनकी फैशन।
स्कूल पढ़ने ऐसे आये जैसे आये हिल स्टेशन।।
आये पहन फटी पेंट, शर्ट के खुले बटन।
फिर बोले देखो जम रहे टन टना टन टन।
टन टना टन रख मिजाज, देते हाई फाई जवाब।
कुछ नहीं बिगाड़ सकती अब इनका किताब।।
किताब का ज्ञान अब सोशल मीडिया के सामने फीका।
व्हाट्सअप फेसबुक से सीखा फ्यूचर ब्राइट का तरीका।।
इनके फ्यूचर के चक्कर में पेरेंट्स दिन-रात दौड़े।
थोड़ा बहुत पढ़ लो जी कहकर टीचर हाथ जोड़े।।
टीचर हाथ जोड़े क्योंकि ना दे सकते पनिशमेंट।
अब टीचर-स्टूडेंट का रिश्ता बना गया एग्रीमेंट।।
बन गया एग्रीमेंट इसलिए स्टूडेंट की यह हालत।
सिर पर उठा रखा आसमान और सरकार करे वकालत।।
परीक्षा के दिनों में विद्यार्थियों की हालत पर हास्य कविता
आयी परीक्षा सिर पर देखो
मुंह से निकला हाय राम,
बने किताबी कीड़ा हैं सब
छोड़ के देखो सारे काम।
रिश्तेदारों को है चिंता
हमसे ज्यादा खाय रही
फेल हुयी थी चुन्नी अपनी
बता के बुआ डराय रही,
बस उनके चक्कर में अब तो
जीना अपना हुआ हराम
बने किताबी कीड़ा हैं सब
छोड़ के देखो सारे काम।
नींद न आती रातों को
उल्लू बन-बन जाग रहे
समझ न आये कौन दिशा में
दिमाग के घोड़े भाग रहे,
सिर में ऐसी दर्द छिड़े है
भगा सके न झंडू बाम
बने किताबी कीड़ा हैं सब
छोड़ के देखो सारे काम।
जादू टोना, तंतर मंतर,
काम न कुछ भी करता है
इसके जाल में जो भी फंसता
वो जीता न मरता है,
मंदिर मस्जिद जहाँ भी जाओ
आता न मन को आराम
बने किताबी कीड़ा हैं सब
छोड़ के देखो सारे काम।
जाने कौन वो मानव था
हमसे दुश्मनी जिसने निभायी
जाने किस बदले की खातिर
उसने फिर परीक्षा बनायी,
मिल जाए जो हमें कहीं वो
कर दें उसका काम तमाम
बने किताबी कीड़ा हैं सब
छोड़ के देखो सारे काम।
चैन कहाँ मिल रहा किसी को
किसे मिल रहा है विश्राम
भागा दौड़ी मची हुयी है
कुछ बैठे जपते हैं नाम,
बनेगा क्या अब लगी हैं चिंता
सोचें बस यही सुबह और शाम
बने किताबी कीड़ा हैं सब
छोड़ के देखो सारे काम।
महंगाई पर हास्य कविता
हाय रे मंहगाई !
तूने कैसी आफत ढाई,
गरीबों के जीवन को तूने तो,
बना दिया दुःख दायी।
खीर-कचौड़ी वो क्या जाने,
वो क्या जाने मलाई,
घर में अन्न का दाना नही उनके,
ऐसी है गरीबी छाई।
कुपोषण ने अब तो उनको,
अपने चंगुल में है घेरा,
जीवन की जद्दोजहत में,
बची केवल तन्हाई।
मंहगाई के रंग में रंगी,
एक नई बीमारी है आयी,
कहते है जिसको कोरोना,
जो अपने संग मौत है लाई।
मंहगाई के जोर में,
बेरोजगारी भी है हरतरफ छाई,
हर तरफ कोहराम मचा,
नही कोई सुनवाई।
हाय रे मंहगाई !
तूने कैसी आफत ढाई,
गरीबों के जीवन को तूने तो,
बना दिया दुःख दायी।
Best 15+ टाइम समय पर कविता
गांव पर सुंदर कविता हिंदी में
बच्चों की बाल कविताएं । Hindi Poem For Kids 2023
महंगाई पर कविता । Mehangai Par Kavita
मंहगाई जी, जब-जब तुम आती हो,
हम सबको बहुत सताती हो,
हमारी खून-पसीने की कमाई को,
तुम पल भर में उड़ा ले जाती हो।
तुम तो दिन दोगुनी और रात चौगनी होकर,
मोटी-ताजी हो जाती हो,
हमको तो तुम चूस-चूस कर,
हमारा सारा खून पी जाती हो।
ओ रे मंहगाई थोड़ी मेरी बात तुम मान लो,
क्यों नकसे इतना दिखलाती हो,
अपनी सेहत का कुछ तो करो ख्याल,
तुम जिम क्यों नही जाती हो।
मोटी सूरत लेकर तुम,
जहाँ देखो पहुँच जाती हो,
रोग लगाकर सबको अपना,
बस वहीं जम जाती हो।
हम भी कह-कह कर हार गए है,
पर तुम हो कि शर्म भी न खाती हो,
हमारी लाचारी का तुम,
दिन-रात फायदा उठाती हो।
मंहगाई तुम बहुत कठोर दिल की हो,
तभी तो दिन-रात सताती हो,
और हमारा पीछा छोड़कर,
जाने तुम क्यों नही जाती हो।
महंगाई हास्य कविता । Mehangai Par Hasya Kavita in Hindi
जय जय जय मंहगाई महारानी,
थोड़ी तो हम पर करो मेहरबानी।
सारा जग तुमसे परेशान,
कुछ तो कृपा कर दो भवानी।
आयी हो जब से तुम मंहगाई,
कठिन हो गयी हमारी जिंदगानी।
स्वाद खो गया जीवन से हमारे,
बेस्वाद हो गयी हमारी जवानी।
भूल गए हम सारी पार्टी,
रह गयी बस रोजी रोटी की कहानी।
त्योहारों का रंग उड़ गया,
बस रह गयी केवल परेशानी।
कैसे कर रहे गुजारा हम,
तुमको भी होती होगी हैरानी।
कर जोड़ करते विनती हम,
है महारानी, है पटरानी।
थोड़ी कृपा कर दो हम पर तुम,
कब तक करोगी अपनी मनमानी।
- योग पर कुछ कविताएँ । Poem On Yoga In Hindi
- स्वामी विवेकानंद जी पर कविता
- नारी शक्ति पर कविता
- मां पर बेस्ट कविता । Poem In Hindi On Maa 2023
उम्मीद करूँगा की आप को ये हास्य कविता शायरी पसंद आई होगी और आपसे निवेदन करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा इस हास्य दिवस पर कविता । hasya kavita in hindi 2023 को अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को भी शेयर जरूर करें धन्यवाद