पंचतंत्र की कहानी चार ब्राह्मण | Panchatantra ki kahani | पंचतंत्र बच्चो की कहानी | Kids Story In Hindi | Panchatantra Moral story
एक समय की बात है की एक गांव में चार ब्राह्मण रहते थे , चार ब्राह्मण में से 3 ब्राह्मण काफी विद्वान थे लेकिन उन चार में से 1 ब्राह्मण काम पढ़ा लिखा था। तो बाकि के तीन ब्राह्मण उसे मंद बुद्धि कह कर पुकारते थे , उस गांव के प्रत्येक व्यक्ति उस ब्राह्मण को मंद बुद्धि कह कर पुकारते थे।
कुछ समय बिता जब चारो ब्राह्मण बड़े होगये तो जो उनमे से 3 ब्राह्मण थे , अपना जीवन यापन करने के लिए पैसा कमाने की सोचे तो वो तीनो ब्राह्मण शहर जाने की सोचे की शहर जा कर पैसे कमाएंगे।
फिर कुछ दिन बाद तीनो ब्राह्मण शहर निकलने के लिए तैयार हो रहे थे , उसी समय जो चौथा ब्राह्मण था वो उन तीनो के पास आया और बोलै की आप लोग मुझे भी साथ लेकर चलो मुझे भी पैसे कमाने है।
तो उनमे से 1 ब्राह्मण बोला की अरे मंद बुद्धि तुम क्या करोगे जा कर तुम्हे तो कोई ज्ञान भी नहीं तुम्हे जाने की कोई जरूरत नहीं , लेकिन जो चौथा ब्राह्मण था वो बोला की मई अगर कुछ नहीं कर पाया
तो आप लोगे के काम कर दिया करूंगा, ये बात सुन कर तीनो ब्राह्मण के मन में लालच आगया और वो बोलो की ठीक है तुम हमारे साथ चल सकते हो।
लेकिन तुमको हम सब की सारि बाते माननी पड़ेगी तो वो ब्राह्मण उनकी बातो को मन गया और उनके साथ निकल पड़ा शहर के लिए।
Panchatantra ki kahani । शहर के लिए जा रहे ब्राह्मण

शहर के लिए जा रहे ब्राह्मण काफी दूर तक आगए थे चलते चलते एक घाना जंगल पड़ा और उस जंगल के रास्ते जाने लगे जंगल में के अंदर चलते चलते उन्हें एक हड्डी का ढाचा दिखा तो उन चारो ब्राह्मण में बहस होने लगी की ये किस चीज का हड्डी है।
तो उन तीनो बुद्धिमान ब्राह्मण में से एक बोला की ये भालू की हड्डी है तो दूसरा बोला की नहीं ये शेर की हड्डी तो अगला ब्राह्मण बोला की नहीं ये शेर की भी हड्डी नहीं है तो उसने बोला की ये लोमड़ी की हड्डी है।
तो फिर उन तीन बुद्धिमान ब्राह्मण में से एक ने अपने विद्या से उस हड्डी को जोड़ने के लिए बोला की मई इस हड्डी को जोड़ सकता हूँ और इससे पता चल जायेगा की ये किस चीज की हड्डी है
तो उस ब्राह्मण ने हड्डी को जोड़ दिया जब वह सभी हड्डी जुडी तो वह शेर की हड्डी निकली तो अगला ब्राह्मण ने बोला की अगर तुम इन हड्डी को जोड़ सकते हो तो मैं इन हड्डी में मांस लगा सकता हूँ तो अगला ब्राह्मण भी अपनी शकियो को दिखाया और उसने शेर के हड्डी में मांस लगा दिया .
Panchatantra ki kahani । ब्राह्मण की चतुराई
ये सब जो मंद बुद्धि वाला ब्राह्मण था वो देख रहा था और वो समझ गया की कुछ गलत होने वाला है। और जब तीसरा ब्राह्मण ने बोला की मैं इसे जीवित कर सकता हूँ
तो उस ब्राह्मण ने मन्त्र पढ़ना चालू किया तब तक मंद ब्राह्मण ने उन्हें रोकते हुए बोला की रहने दीजिये आप इसे जीवित मत करिये लेकिन कुछ और आगे बोला था तीसरे ब्राह्मण ने उसे गुस्से में डाटते ह्ये
बोला की आज के बाद बीच में कभी तम टोकना ये कह कर तीसरा ब्राह्मण शेर को जीवित करने में लग गया ये सब देख मंद बुद्धि वाला ब्राह्मण वह से हैट कर एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गया।
उसके बाद ब्राह्मण के मन्त्र पढ़ने से शेर जिन्दा हो गया जब शेर जिन्दा हो गया तो फिर शेर का काम ही क्या उसे काम है शेर तो शेर होता है। फिर उस शेर ने उन तीनो ब्राह्मण को दौड़कर खा लिया।
और उसका पेट भर जाने के बाद वो। जंगल के अंदर अपनने घर को ववपस निकल गया जब चौथा ब्राह्मण देखा की शेर चला गया तो वह सही समय देख कर अपने गांव की तरफ वापस लौट गया और सोचने लगा की ऐसे ज्ञान का क्या फायदा की आदमी के सूज बुज को सील कर दे।
- पंचतंत्र की कहानी मूर्ख पंडित । Murkh Pandit Panchatantra
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पंचतंत्र की कहानी से सिख : तो इस Panchatantra ki kahani से हमे सिख मिलती है की हमे कभी भी अपने ज्ञान का घमंड नहीं करना चाहिए , और अपने आगे दुसरो को मुर्ख नहीं समझना चाहिए।