डोकरी अउ डोकरा छत्तीसगढ़ी लोक-कथा/कहानी । Chhattisgarhi Folk Tales In Hindi
यहाँ छत्तीसगढ़ी कहानी/ लोक-कथा दादा और पोते के रिश्ते को अलग पहचान देती है । दादा जी अपने पोते पोतियों के …
यहाँ छत्तीसगढ़ी कहानी/ लोक-कथा दादा और पोते के रिश्ते को अलग पहचान देती है । दादा जी अपने पोते पोतियों के …
एक गाँव मे एक भड्डरी और भड्डरिन दम्पत्ति रहते थे। वे बहुत गरीब थे और भिक्षा मांगकर अपना जीवन यापन …
छत्तीसगढ़ी लोक-साहित्य की विधाओं में लोकगाथाओं का प्रमुख स्थान है, गाथाओं का रचना काल 1100 से 1500 तक माना गया …
एक कौआ था। वह एक किसान के घर के आँगन के पेड़ पर रहता था। किसान रोज़ सुबह उसे खाने …
बहुत पहले की बात है। एक ब्राह्मण और एक भाट में गहरी दोस्ती थी। रोज़ शाम को दोनों मिलते थे …
बहुत दिनों पहले एक राजा रहता था। उनकी दो रानियाँ थीं। दोनों रानियाँ नि:सन्तान थी। राजा सभी मन्दिरों में जा …
एक बकरी थी। रोज़ सुबर जंगल चली जाती थी – सारा दिन जंगल में चरती और जैसे ही सूर्य विदा …
बहुत पुरानी कहानी है। एक गांव में एक मुखिया रहता था जो अपने अतिथियों से बड़े आदर से बड़े प्रेम …
एक गाँव म एक गरीब लेड़गा रहय। ये दुनिया म लेड़गा के कोन्हों नइ रिहिस। दाई रिहिस तउनो ह कुछ …
एक गाँव म दू भाई रहंय। बड़े ह पक्का देंहचोर (आलसी), बेईमान अउ एक नंबर के धोखेबाज रहय। कभू खेत …