जादुई चप्पल की जादुई कहानी । Hindi Moral Story for Kids

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Jadui chappal ki kahani : दोस्तों बहुत समय पहले की बात है  एक छोटा सा लड़का अपने माता पिता के साथ रहता था जिसका नाम गौरव था  वह एक छोटे से गांव में रहता था  वह बहुत ही ज्यादा चालाक और नटखट था उसके पापा का छोटा सा व्यवसाय था जिसमें वह अपने पापा की मदद किया करता था

और उसमें एक खराब बात यह थी कि वह हमेशा किसी भी चीज को लेने के लिए बहुत ही ज्यादा लालच किया करता था और हमेशा चीजों को जरूरत से ज्यादा लिया करता था 

एक दिन उसके माता-पिता को दूसरे गांव में अपने रिश्तेदारों के यहां पर जाना था जिसकी वजह से वह घर पर अकेला रह जाता है इसलिए उसके मामा उसके घर पर आ गए जो सुबह जल्दी वापस भी चले जाते 

उसके माता पिता शाम को चले गए और अगले दिन सुबह आने वाले थे गौरव ने अपने मामा की बहुत ही अच्छे से सेवा की और उन्हें समय पर खाना भी दिया यह सब देख कर उसके मामा उस पर बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हुए

और कहने लगे बेटा मुझे तुम पर बहुत ही ज्यादा गर्व है तुम बहुत ही ज्यादा मेहनती हो और तुमने मेरी सेवा बहुत ही अच्छे से सेवा की हैं इसलिए आज मैं तुम्हें एक बहुत ही अच्छा उपहार देना चाहूंगा

और मामा ने उपहार के रूप में गौरव को एक जादुई चप्पल (Magic slippers) दी और मामा जी ने बताया कि यह एक ऐसी जादुई चप्पल है कि अगर आप इसे पहन कर कूदते हैं तब इस चप्पल से सोने का एक सिक्का निकलता है

यह सब सुनकर गौरव को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ और कहने लगा मामा जी ऐसा कोई चप्पल नहीं बनी जिससे सोने के सिक्के (Golden coin) निकले उस समय मामा जी ने उस चप्पल को पहन कर एक बार खुद कूद कर दिखाया

वह जैसे ही कूदे उस चप्पल से सही में एक सोने का सिक्का बाहर गिरा, गौरव तेज़ी से थोड़ा और सिक्के को उठाकर बोला मामा जी सही में यह तो एक सोने का सिक्का (golden coin) है और उसे इस पर पूरी तरह से यकीन हो गया कि यह एक जादुई चप्पल है

और अब उसने मामा से कहा कि मामा जी आप मुझे एक बार पहन कर कूदने दो मामा जी ने चप्पल देने से पहले बताया कि बेटा एक बात ध्यान रखना आप इससे 7 दिन में सिर्फ एक बार ही सोना ले सकते हो क्योंकि अगर आप इसे पहनकर कूदते हो तो आपकी इससे लंबाई कम हो जाती हैं इसलिए आपको इसे पहनकर हर 7 दिन बाद बस एक बार कूदना है

गौरव कहने लगा ठीक है मामा मैं हर हफ्ते सिर्फ एक ही बार ही पहनकर कुदूंगा और मामा जी ने उसे जादुई चप्पल पहनने के लिए दे दी गौरव ने जल्दी से चप्पल को पहनी और कूदा और फिर से एक सोने का का सिक्का आया

गौरव ने सोने के सिक्का को फिर उठाया और कहने लगा मामा मैं इस जादुई चप्पल को ठीक से छुपा  कर रख देता हूं और हर हफ्ते एक एक सोने का सिक्का इकट्ठा करता रहूंगा इससे मै बहुत ही ज्यादा धनी इंसान बन जाऊंगा

मामा जी कुछ समय बाद सुबह होते ही चले गए गौरव जादुई चप्पल को लेकर बहुत ही ज्यादा खुश था और उसकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था क्योंकि वह सोच रहा था अब वह बहुत जल्दी अमीर बन जाएगा और शहर में अपना एक घर ले लेगा और अब उसके पापा को कोई छोटा सा व्यवसाय करना नहीं पड़ेगा

रात भर यही सोचता रहा जिसकी वजह से वह सो भी नहीं पाया उसके मन में लालच आ गया था उसने सोचा चलो चप्पल पहन कर कूदते हैं और बहुत सारा सोना हो जाएगा और उससे बिल्कुल भी नहीं रहा गया उसने जल्दी से चप्पल को पहना और कूदने लगा

उसने कुद कर सोने के सिक्कों को एक बड़ा ढेर लगा दिया जो बहुत ही ज्यादा हो चुका था और अंत वह पूरी तरह से थक गया और सोचा बहुत सोने के सिक्के हो गए है अब मै सोने चलता हु 

 पर जैसे ही वो सोने के लिए अपने बिस्तर की तरफ गया तो उसने देखा उसका बिस्तर तो बहुत ही ज्यादा ऊंचा है और वह खुद एक चींटी के समान है यह सब देखकर उसे कुछ भी यकीन नहीं हुआ 

लेकिन अब बहुत ही ज्यादा देर हो चुकी थी और कुछ भी नहीं किया जा सकता था क्योंकि वह इतना छोटा हो चुका था कि उसके मां-बाप भी उसे आसानी से नहीं देख सकते थे

सुबह जब उसके मां-बाप सुबह-सुबह घर पर आते हैं तब देखते हैं कि सोने का एक ढेर लगा हुआ है पर उनका बेटा  गौरव कहीं भी नजर नहीं आ रहा

सुबह-सुबह वह हर जगह पर गौरव गौरव करके चिल्लाते रहे पर गौरव कहीं पर नहीं मिला

और उस दिन के बाद से गौरव अपने माता-पिता को कभी भी कहीं पर भी नजर नहीं आया 

अगर आपको यह जादुई कहानी (Magic Story) अच्छी लगे तो आप अगली जादुई अंगूठी (magic ring) की कहानी जरूर पढ़ें

जिसमें जादुई अंगूठी से किसी भी वस्तु को बड़े आसानी से सोना (Gold) बनाया जा सकता है और यह भी इसी कहानी की तरह लालच की कहानी है जहा पर एक पती बहुत बड़ी बेवकूफी करता है

इस तरह से हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है

कि हमें कभी भी ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए हमें हमेशा अपने आप को संतुष्ट (satisfied) करने की कोशिश करनी चाहिए  क्योंकि लालच कभी-कभी हमें बहुत ही बड़ी मुसीबत में डाल देता है इसलिए हमें हमेसा मेहनत करने में विशवास करना चाहिए और जब तक हमें एहसास (realise)  होता है कि हमने बहुत बड़ी गलती कर दिया तब तक बहुत ज्यादा देर हो जाती उम्मीद करता हु आपके ये hindi story पसंद आई 

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