इंटरनेट से अरबो devices जुडी हुई है. इतनी सारी devices के बीच, हम सही device से डाटा का आदान-प्रदान कर सकते है. लेकिन, इतने बडे internet में कैसे हम सही device से communicate कर पाते है? तो, जानिये IP address क्या है.
IP Address full form in hindi
IP address Ka Full Form Internet Protocol address है.
IP Address क्या है?
किसी local या internet network में, computer या device को एक दूसरे से communicate करने के लिए जरूरी ऐड्रेस को IP address कहते है.
इसे “IP” भी बोला जाता है।
एक उदहारण से समझते है, किसी को खत भेजने के लिए जैसे उसके घर के एड्रेस की जरूरत होती है, वैसेही internet पर बिना IP address के एक computer से दूसरे computer तक डाटा send या receive नहीं किया जा सकता।
घर या दूकान का एड्रेस कुछ इस तरह होता है :- “street no.3, M.G road, Delhi, India”.
आईपी, किसी computer network में हर एक डिवाइस को assign किया गया एक unique number होता है. For example, 192.68.54.22
एक आई पी एड्रेस है.

Internet पर जुडी सारी device, websites के unique IP होते है.
Website visit करते वक्त हम browser में IP नहीं डालते, बल्कि उस वेबसाइट का नाम डालते है, जैसे की google.com, example.com.
यह सभी नाम को domain name कहा जाता है.
Actually में हमारा browser, domain name के बजाये उस website के IP address से server तक connect होता है.
हमारे browser को उस website का आईपी एड्रेस DNS की वजह से पता चलता है.
DNS का फुल फॉर्म Domain Name System है. इसमें दुनिया की सारी वेबसाइट के IP address recorded होते है.
आप इसे internet की phone book की तरह समज सकते हो. अगर आपको किसी का नंबर चाहिए, तो आप phone book में उस व्यक्ति के नाम से उसका नंबर ढूंढ सकते हो.
ठीक इसी तरह DNS काम करता है. DNS वेबसाइट के नाम (example.com) को IP में translate करता है. जिससे browser, web server से connect कर पाए.
आशा करता हूं की आपको IP Address kya hai समज आ गया होगा।
अब इसके प्रकार जानते है।
Types of IP address in Hindi
तीन तरीके से इसके types को लिखा जा सकता है.
- Public और private.
- IPv4 और IPv6.
- Static और dynamic.
Public और private
Local network में communication के लिए जिस IP का उपयोग होता है, उसे private IP address कहते है. Private IP की मदद से केवल एक ही network के अंदर data को send या receive कर सकते हो.
- schools, companies, घर के computer नेटवर्क में communication के लिए इस IP address को use किया जाता है.
- कुछ range decide की हुई है, जैसे10.0.0.0 – 10.255.255.255, 172.16.0.0 – 172.31.255.255, 192.168.0.0 – 192.168.255.255For example,
172.30.22.68
एक प्राइवेट आई पी है. - यह free of cost है, क्योकि इसे सिर्फ local network में ही उपयोग कर सकते है.
एक नेटवर्क के बाहर, दूसरे नेटवर्क से communicate करने के लिए जिस IP का उपयोग होता है, उसे public IP address कहते है. सामान्य रूप से ISP (internet service provider) द्वारा public IP को assign किया जाता है.
- पब्लिक आईपी एड्रेस का उपयोग करने के लिए पैसे देने पडते है.
- Websites के servers, हमारे कंप्यूटर, और smartphone को internet से जुडने के लिए public IP address चाहिए होता है.
IPv4 और IPv6
यह दोनों IP के versions है.
IPv4
यह 32 bit की numeric value होती है. जिसमे चार 8 bit के numbers को “.” से अलग करके लिखा जाता है. हर एक नंबर 0 से लेके 255 तक हो सकता है.
For example 192.168.12.15
एक IPv4 एड्रेस है.
अलग-अलग ऐसे कुल 2^32 यानी 4 billion से भी ज्यादा IPv4 address पूरी दुनिया में है.
लेकिन इतने IPv4 काफी नहीं है.
एक अनुमान है, की 2020 के अंत तक 21 billion जितनी IoT devices इंटरनेट से connected हो जायेगी।
1983 में जब engineers IP address को design कर रहे थे, तब उन्हें भविष्य में कितनी devices होगी, उसका अंदाजा नहीं था.
इसलिए IPv4 की shortage को पूरा करने के लिए, IPv6 को लाया गया.
IPv6
128 bit का alphanumeric address है. जिसमे हर bits को “:” से अलग कर के लिखा जाता है.
For example, 2002:0da8:a000:b00c:1000:ffd0:s042:787t
एक IPv6 address है. IPv6 के 340 undecillion तक unique address available है.
इतने एड्रेस दुनिया की सारी device के लिए जरूरत से ज्यादा है. लेकिन आजभी IPv6 पूरी तरह से उपयोग में नहीं है. क्योकि दुनिया में सारी devices IPv6 को support नहीं करती।
कई सारे ISP भी, IPv4 से ही काम चला रहे है, क्योकि IPv6 को support करने वाले equipment महंगे आते है. इस issue से निपटने के लिए NAT का उपयोग किया जाता है.
NAT का फुल फॉर्म Network Address Translation है. इसमें बहुत सारे public address का इस्तेमाल करने की जगह, किसी एक public IP address के पीछे बहुत सारे private address का इस्तेमाल किया जाता है.
Static और dynamic
सामान्य रुप से ISP द्वारा हमें dynamic IP assign किया जाता है. मतलब जितनी बार हम इंटरनेट से disconnect करके connect होंगे, उतनी बार हमें नया आईपी एड्रेस assign किया जाएगा.
Static IP address एक ही रहता है. internet से reconnect करने पर भी बदलता नहीं है.
Website के servers के लिए static IP का use होता है. daily life में इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए static IP की ज़रूरत नहीं है.
IP address कैसे check करे?
आईपी एड्रेस चेक करना बहुत आसान है.
आपको बस गूगल में type करना है- “What is my IP” और आपको आपका जवाब मिल जाएगा।
अगर आपको कीसी वेबसाइट का IP जानना है, तो computer में command prompt को open करके ping command की मदद से जान सकते हो.
आप हमें IP address क्या है से जुडे कोई सवाल है, तो पूछ सकते है.