
Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी भारत में मनाय जाने वाला एक बहुत ही भव्य त्यौहार है| इस त्यौहार का हिन्दू धर्म में धार्मिक महत्व है| गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है| यह पर्व हिन्दू धर्म के देवता भगवान् गणेश को समर्पित किया जाता है| भगवान् गणेश ज्ञान और अच्छे भाग्य का प्रतीक है| गणेश चतुर्थी हिंदू महीने भद्रा के शुक्ला चतुर्थी पर मनाया जाता है|इस त्यौहार की अवधि स्थान और परंपरा के आधार पर 1 दिन से 11 दिनों तक भिन्न होती है। लोग भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में लाते हैं और पूजा करते हैं।
कविता में गणेश जी को बहुत बड़ा, बड़े सिर और बड़े पेट के साथ वर्णित किया गया है। उन्हें बहुत मजबूत होने के रूप में भी वर्णित किया गया है, और कहा जाता है कि वह अपने नंगे हाथों से चट्टानों को तोड़ने में सक्षम हैं। कविता में गणेश जी की सूंड का भी उल्लेख है, जो बहुत लंबी और मजबूत बताई जाती है।
हर बार की तरह इस बार भी गणेश चतुर्थी की तैयारी बड़ी धूम-धाम से चल रही है। यह त्योहार पूरे भारत में काफी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस वर्ष यानि 2023 में गणेश चतुर्थी 18 अगस्त 2023 को पड़ेगी। त्योहार कोई भी हो हर कोई एक्साइटेड होता है, लेकिन त्योहार केवल एक उत्सव नहीं है यह हमें हमारी संस्कृति से भी जोड़े रखता है। बदलते जमाने के साथ हमारा सेलिब्रेशन अब हम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया तक भी पहुंच गया है। जिसकी मदद से हम दुनिया भर में गणेश चतुर्थी के जश्न को घर बैठे देख सकते हैं, या घर से दूर और दोस्तों से दूर है तो स्टेटस और मैसेजेस के जरिए अपनी शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
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आप अपने स्कूल कविता को प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये कविता खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|
त्यौहार का नाम | गणेश चतुर्थी 2023 |
कब है ये त्योहार | 18 अगस्त 2023 |
कौन मनाते है | भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रुप में मनाते हैं |
कैसे मनाते है | भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है उसकी आरती की जाती है और व्रत रखा जाता है |
कहां मानते है | पूरे भारतवर्ष में हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है, मुख्य रूप से महाराष्ट्र में |
गणेश चतुर्थी पर 50+ बेस्ट हिंदी कविता | 50+ Best Poem On Ganesh Chaturthi in Hindi
क्या आप गणेश चतुर्थी में शायरी के जरिए लोगों को अपनी शुभकामनाएं भेजते हैं? तो क्यों न आप इस बार एक अलग अंदाज से अपने दोस्तों और परिवार वालों को गणेश चतुर्थी पर उन्हें विश करें। यहां आपके लिए प्रस्तुत है गणेश चतुर्थी पर एक से बढ़ कर एक सात बेहतरीन कविताएं।

गणेश जी पर हिंदी कविता । Ganesh Chaturthi Poem in Hindi

हे प्रभु गणेशा, ओ प्रभु गणेशा,
रहना आप साथ मेरे हमेशा,
जब मैं हो जाऊ उदास,
मेरे हृदय में करके वास,
जगा देना मेरा विश्वास,
आप मेरे आस-पास हो
इसका है मुझको अहसास.
हे प्रभु गणेशा, ओ प्रभु गणेशा,
रहना आप साथ मेरे हमेशा,
नाश करना हमारे अभिमान का,
देना दान हमें आप ज्ञान का,
काम ऐसा करें बढ़े मान माँ-बाप का,
खुश रहूँ और जीवन हो सम्मान का.
हे प्रभु गणेशा, ओ प्रभु गणेशा,
रहना आप साथ मेरे हमेशा,
दूसरों की सेवा का व्रत मैं पाल लूँ,
आपकी कृपा से ये जिंदगी सम्भाल लूँ,
आपकी भक्ति की आदत मैं डाल लूँ,
जिन माँ-बाप ने बचपन में सम्भाला मुझे
इतनी ताकत देना कि मैं उनकों सम्भाल लूँ.
हे प्रभु गणेशा, ओ प्रभु गणेशा,
रहना आप साथ मेरे हमेशा,
– दुनियाहैगोल
गणपति उत्सव । Ganesh Poem in Hindi

कितना रूप राग रंग
कुसुमित जीवन उमंग!
अर्ध्य सभ्य भी जग में
मिलती है प्रति पग में!
श्री गणपति का उत्सव,
नारी नर का मधुरव!
श्रद्धा विश्वास का
आशा उल्लास का
दृश्य एक अभिनव!
युवक नव युवती सुघर
नयनों से रहे निखर
हाव भाव सुरुचि चाव
स्वाभिमान अपनाव
संयम संभ्रम के कर!
कुसमय! विप्लव का डर!
आवे यदि जो अवसर
तो कोई हो तत्पर
कह सकेगा वचन प्रीत,
‘मारो मत मृत्यु भीत,
पशु हैं रहते लड़कर!
मानव जीवन पुनीत,
मृत्यु नहीं हार जीत,
रहना सब को भू पर!’
कह सकेगा साहस भर
देह का नहीं यह रण,
मन का यह संघर्षण!
‘आओ, स्थितियों से लड़ें
साथ साथ आगे बढ़ें
भेद मिटेंगे निश्वय
एक्य की होगी जय!
‘जीवन का यह विकास,
आ रहे मनुज पास!
उठता उर से रव है,–
एक हम मानव हैं
भिन्न हम दानव हैं!’
– सुमित्रानंदन पंत
वर दो गणेशजी…। Ganesh Poem in Hindi
– अर्चना श्रीवास्तव ‘अर्चन’

वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी।
हर लो हमारे, प्रभु सारे दु:ख क्लेशजी।।
धर्म के नाम पर, जंग छिड़ी हैं यहां।
हिन्द बंट जाए, यही चाहता है ये जहां।।
आपस के झगड़ों में, डूबे न देश जी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।
दूर होते जा रहे हैं लोग संस्कृति से।
करते हैं खिलवाड़, ये रोज प्रकृति से।
दो बुद्धि गंदा न करें, ये परिवेशजी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।
हम हैं तुम्हारे सेवक प्रभो! सर्वदा से ही।
हमको बचा लो प्रभु, घोर विपदा से जी।
अनुग्रह करें, भक्तों पर तो विशेषजी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।।
हिन्द मेरा बस सदा आबाद ही रहे।
गीता का संदेश कथा रामायण की कहे।।
दिन-रात करे, उन्नति ये मेरा देश जी।
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी…।। साभार – देवपुत्र
गणेश चतुर्थी पर कविता । Ganesh Chaturthi 2023

गणपति जी हैं सबके प्यारे,
शिव गौरा के राजदुलारे,
भोली और प्यारी सी सूरत,
सवारी बने हैं उनकी, मूषक
मोदक उनको बहुत हैं भाते,
बड़े प्यार और चाव से खाते,
देवों में वह देव हमारे,
सबसे पहले उनकी पूजा करते हैं सारे,
रिद्धि सिद्धि के हैं दाता,
हम सबके वह भाग्यविधाता,
जो उनकी पूजा है करते,
गणपति उनके विघ्न है हरते,
गणेश चतुर्तिथि जब भी आये,
बड़े प्यार से सब हैं मनायें,
जिनके घर गणेशा जाते,
मंगल ही मंगल सब होता,
दुःख संताप मिटते हैं सारे।
Ganesh Chaturthi Poem in Marathi

हे गणेश, हे गणपती!
नेहमी माझ्या बरोबर राहा,
जेव्हा मी दु: खी झालो,
माझ्या हृदयात,
माझे विश्वास जागृत होणे,
आपण माझ्याभोवती आहात
हे माझे अनुभव आहे
हे गणेश, हे गणपती!
नेहमी माझ्या बरोबर राहा,
आपल्या अभिमानाचा नाश करण्यासाठी,
आम्हाला ज्ञानाने दिलेली भेट द्या,
याप्रमाणेच पालकांचे मूल्य वाढते,
आनंदी राहा आणि जीवन आदर आहे
हे गणेश, हे गणपती!
नेहमी माझ्या बरोबर राहा,
मी इतरांना देण्याची उपेक्षा करतो,
आपल्या दयाळूपणासह, या जीवनाचे रक्षण करा,
मी तुमच्या भक्तीची सवय लावून ठेवावी,
माझ्या लहानपणी माझ्या पावलांची काळजी घेतली
मी त्यांना काळजी घेणे आवश्यक आहे इतके सामर्थ्य देतो.
हे गणेश, हे गणपती!
नेहमी माझ्या बरोबर राहा,
हे गौरी के लाल । Poem on Ganesh Chaturthi in Hindi

हे गौरी के लाल,
देवलोक के तुम सरताज!
सुन ले गणेश मेरी पुकार,
प्रभु कर दे मेरी नैया पार!रिद्धि-सिद्धि के तुम हो दाता,
दीन दुखियों के भाग्य विधाता!
तुझमें ज्ञान-सागर अपार,
प्रभु कर दे मेरी नैया पार!
सब देवन में प्रथम देव तुम,
मूषक तुम्हारे पास विराजे!
करते पूजन आरती उतार,
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम । short poem on ganesh chaturthi 2023

जय गणेश, जय कृपा निधान
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
जय विघ्नविनाशक, कृपानिधान
जय अष्टविनायक संकटमोचक
जय गौरी सुत, जय एकदंत
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
मूषक वाहन पर होते विराजित
हे शिवनंदन, दैदीप्यमान सूर्य सम
हे दु:खभंजन, प्रथम पूज्यवर
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
हे लंबोदर, हम करते वंदन
शिवशंकर के प्रिय सुत
संकट सबके हरो गजानन
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
भक्तों के हो तुम बहुत प्यारे
कष्ट सभी के हरते सारे
मोदक पूजित प्रसन्न विप्रवर
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
कष्ट दूरकर समृद्धि देते
मनवांछित इच्छा फल देते
ऋद्धि सिद्धि के स्वामी हो तुम
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
प्रथम आवाहन होय तुम्हारी
आओ चढ़ मूषक की सवारी
हर काज में पहले हो ‘श्रीगणेश’
गणपति बप्पा तुम्हें प्रणाम।
विघ्न सब हर लो देवा । a poem on ganesh chaturthi in hindi

जय जय जय हो गणपति गणेश
करो कृपा सब पर तुम अशेष,
बल, बुद्धि, विधा सबको दे दो
उजियारा फैला दो तुम विशेष।
हे प्रथमपूज्य गौरी सुतनंदन
मंगल शुभफल दो गजबदन,
ऋद्धि सिद्धि के तुम स्वामी देवा
आय विराजो चढ़ि मूषक वाहन।
चार भुजा और ओढ़े पीतांबर
मोहनी सूरत लगती सुखकर,
मोदक तुमको बहुत है प्यारा
संकट हर लो जीम उदर भर।
द्वार तुम्हारे हम सब आये हैं
तुम से विश्वास लगाए हुए हैं,
खाली हाथ न हम जाने वाले
जोड़ हाथ हम अड़े खड़े हैं।
तुम हो सबके विघ्न विनाशक
सबका मंगल करते सुखदायक,
प्रथम पूज्य तुम हो लंबोदर
करते न कभी निराश विनायक।
कब से हम खड़े पुकार रहे हैं
श्रद्धा संग बहु विश्वास लिए है
सब विघ्न हमारे हर लो देवा
नतमस्तक हो तेरे द्वार पड़े हैं।
गणेश चतुर्थी की कविता हिंदी में । Ganesh Chaturthi Kavita in Hindi

वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी
हर लो हमारे, प्रभु सारे दु:ख क्लेशजी
धर्म के नाम पर, जंग छिड़ी हैं यहां
हिन्द बंट जाए, यही चाहता है ये जहां
आपस के झगड़ों में, डूबे न देश जी
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी
दूर होते जा रहे हैं लोग संस्कृति से
करते हैं खिलवाड़, ये रोज प्रकृति से
दो बुद्धि गंदा न करें, ये परिवेशजी
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी
हम हैं तुम्हारे सेवक प्रभो! सर्वदा से ही
हमको बचा लो प्रभु, घोर विपदा से जी
अनुग्रह करें, भक्तों पर तो विशेषजी
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी
हिन्द मेरा बस सदा आबाद ही रहे
गीता का संदेश कथा रामायण की कहे
दिन-रात करे, उन्नति ये मेरा देश जी
वर दो, वर दो, वर दो गणेशजी
गणेश चतुर्थी वर कविता । Poem on Ganesh Chaturthi in Hindi गणेश चतुर्थी पर कविता इन हिंदी

गणपति जी हैं सबके प्यारे
शिव गौरा के राजदुलारे
भोली और प्यारी सी सूर
सवारी बने हैं उनकी
मूषक मोदक उनको बहुत हैं भाते
बड़े प्यार और चाव से खाते
देवों में वह देव हमारे, सबसे पहले उनकी पूजा करते हैं सारे
रिद्धि सिद्धि के हैं दाता, हम सबके वह भाग्यविधाता
जो उनकी पूजा है करते
गणपति उनके विघ्न है हरते
गणेश चतुर्तिथि जब भी आये
बड़े प्यार से सब हैं मनायें
जिनके घर गणेशा जाते
मंगल ही मंगल सब होता
दुःख संताप मिटते हैं सारे
हे मेरे बप्पा कृपा करना । short poem on ganesh chaturthi

हे मेरे बप्पा कृपा करना,
हे गौरी के लाड़ले तू कृपा करना,
हर कठिन मार्ग पर साथ मेरा देना,
जब भी राह भटकूं सही मार्ग दिखा देना,
हे मेरे बप्पा कृपा करना।
हे मेरे बप्पा कृपा करना,
हे गौरी के लाड़ले तू कृपा करना,
मंझधार में नौका को मेरी पार करा देना,
सही गलत में फर्क समझू यह समझ मुझे देना,
हे मेरे बप्पा तू कृपा करना।
हे मेरे बप्पा कृपा करना,
हे गौरी के लाड़ले तू कृपा करना,
शीश झुकाते तेरे आगे तुझसे ही मांगे मुरादें,
तेरे आगे मांगे भीख मेरी हर बिगड़ी बना देना,
हे मेरे बप्पा कृपा करना।
हे मेरे बप्पा कृपा करना,
हे गौरी के लाड़ले तू कृपा करना,
हम भक्त जन सब तेरे हैं,
तेरे गुणगान करते हैं,
तू रचा बसा है हम सबके मन में,
हे मेरे बप्पा कृपा करना।
देवा इस बार भी तुम्हें आना होगा । short poem on ganesh chaturthi

देवा हाथ जोड़कर विनती है, इस बार भी तुम्हें आना होगा।
इस बार भी अपने दर्शन का, सौभाग्य हमें देना देवा।
तुम देवों में देव हमारे हो और प्रथम पूजे जाते हो।
देवा तुम आते हो जब मेरे घर, मेरे सारे दुखों को हरते हो।
रिद्धि सिद्धि के दाता हो, मेरे भाग्य रचयिता तुम।
तेरे स्वागत में थाल लिए, राह तकते खड़े है हम।
भोले बाबा माँ गौरी के, आप लाड़ले बच्चे हैं।
आपकी आवभगत में हमने मोदक बनाएं रखे हैं।
तेरे स्वागत में बच्चा-बच्चा, खुश होकर झूम-नाच रहा।
मूषक तेरी सवारी बनकर तेरे इंतजार में हैं आजा देवा।
धरती पर छाए अंधकार को, जल्दी मिटाने आजा देवा
सबके विघ्न हरता, देवा इस बार भी तुम्हें आना होगा।
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया । poem on ganesha

जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया
भोली भाली सूरत वाले, माँ गौरी और नीलकंठ के पुत्र हैं बड़े प्यारे
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में बाप्पा हैं पधारे,
ढोल नगाड़े से करो स्वागत इनका, अरे बप्पा आले रे आले!
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया।
अपनी नटखट हरकतों से माँ का मन मोहते हो,
मूषक की सवारी कर के संसार के विघ्न हरते हो।
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया।
सबके प्रिय सबके हितैषी तेरे दया का द्वार सदैव खुला,
तुमझे ही मांगे तेरी जोगी, तेरी चौखट से मिले हर मन की कही।
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया।
जब राह कोई ना आए नजर सिद्धिविनायक हाथ थाम लेता है,
सबकी बिगड़ी को पल भर में विघ्नेश्वर सवार देता है।
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया।
बप्पा तेरे आने से रौशन-रौशन घर हो जाता है,
तेरे जाते ही घर में भी सूनापन सा छा जाता है।
जय जय जय बप्पा मोरिया की जय जय बप्पा मोरिया।
हे मेरे प्रभु गणेशा । poem on ganesha

पूरे वर्ष तेरे ही आने का इंतजार है रहता
हे मेरे प्रभु गणेशा!
सारी उम्मीदें बस तुमसे, तुमसे से ही हर सुख-दुख साझा
हे मेरे प्रभु गणेशा!
अपना अब मुझको होश नहीं, त्योहार चतुर्थी है आया
हे मेरे प्रभु गणेशा!
तेरी बिन मैं अधूरी, तेरे पूजन से होता है, मेरी हर पूजन का आरंभ
हे मेरे प्रभु गणेशा!
तेरा आशीर्वाद सदैव रहे, हो तेरी कृपा हो अपरंपार
हे मेरे प्रभु गणेशा!
बस आओ जल्दी दर्शन देने, मेरे नैन है तरसे तुझे देखन को
हे मेरे प्रभु गणेशा!
तेरे स्वागत में सज गए हैं, घर दीपक और रंगोली से
हे मेरे प्रभु गणेशा!
हम भी सज-धज तैयार खड़े, है मुख पर बड़ी सी मुस्कान लिए
हे मेरे प्रभु गणेशा!
गणेश जी हम आप को लेने खुद चल कर आएंगे । poem on ganesh ji

गणेश जी हम आप को लेने खुद चल कर आएंगे,
आपकी सबसे सुंदर मूर्ति को हम अपने घर ले जाएंगे।
आपकी मूर्ति को स्थापित कर के, फिर आभूषण पहनाएंगे,
नौ दिन आपकी करेंगे सेवा और भजन आरती गाएंगे।
मोदक भी चढ़ाएंगे और खूब पकवान भी बनाएंगे,
आपके आने से मेरी घर की रौनक बढ़ जाती है।
आपके आती ही घर पर खुशहाली सी छा जाती है,
जिसको देखो वो व्यस्त है आपकी सेवा करने में।
हर नजारा लगे सुहाना आपके आ जाने से,
पर मन के भीतर एक उदासी छाई रहती है।
9 दिन की सेवा के बाद, मन भारी होने लगता है,
आपका आना जितना सुखमय, उतना मुश्किल दूर जाना।
सारे पंडाल हो जाते हैं सूने आपके चले जाने से,
जा तो रहे हैं पर करें यह वादा अगले बरस भी आना होगा।
गणेश जी हम आप को लेने खुद चल कर आएंगे,
आपकी सबसे सुंदर मूर्ति को हम अपने घर ले जाएंगे।
आते है बड़ी धूमधाम से सब के घर गणेशा । hindi poem on ganesh chaturthi

आते है बड़ी धूमधाम से सब के घर गणेशा।
लेकर बुद्धि, सुख-समृद्धि आते है सबके देवा।
है तेरा रूप निराला, कितना तू मन को प्यारा।
नटखट मन और चेहरा तेरा, है कितना भोला-भला।
आती है जब भी हम पर कोई भी बला-मुसीबत।
तूने ही है हर पल साथ दिया, तूने ही है हमको संभाला।
दिल से जो भी तुमसे मंगा, वो हर मुराद पूरी हुई है।
तूने ही सब संकटों को दूर किया है गणेशा।
दिल और जान के रोम-रोम में तुम हमारे बसते हो।
तूझमें अटूट विश्वास है मेरा तुम भाग्यविधाता हो।
मेरे दुखों को दूर करो । best Poems on Ganesh Chaturthi

भगवन मेरे दुखों को दूर करो,
यह दीन दुखी जाए कहाँ?
तुम जीवन मृत्यु के मालिक,
तेरे मर्जी से दुनिया चले।
तुम जानते हो सब मन के दुख,
अब दुखन हो हमरे दूर करो।
आए जो तुम्हारे द्वार पर,
वो खाली कभी न जाए।
स्वीकार करो मेरी विनती,
यह भिक्षक कहा जाए, गणेशा।
गणेश चतर्थी के ऊपर कविता । Poems on Ganesh Chaturthi Hindi

गणपति जी हैं सबके प्यारे
शिव गौरा के राजदुलारे
भोली और प्यारी सी सूर
सवारी बने हैं उनकी मूषक
मोदक उनको बहुत हैं भाते
बड़े प्यार और चाव से खाते
देवों में वह देव हमारे, सबसे पहले उनकी पूजा करते हैं सारे
रिद्धि सिद्धि के हैं दाता, हम सबके वह भाग्यविधाता
जो उनकी पूजा है करते
गणपति उनके विघ्न है हरते
गणेश चतुर्तिथि जब भी आये
बड़े प्यार से सब हैं मनायें
जिनके घर गणेशा जाते
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