ईद मुबारक कविता । ईद पर कवितायें । Eid Mubarak Poem in Hindi

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हमारे धरती पे हजारो धर्म के लोग अपना जीवन ख़ुशीहाली से जीते हैऔर भारत में फडफ़ड़ग्गफडफगफ्घफघघज्गझग डफगफ्हगफग हक्झकझधर्म हिन्दू , मुसलमानबुद्धिष्टईसाई , जैन इन धर्मो के लोग निवास करते आ रहे हैं।

आज यानी “14 May 2023” को इस्लाम मुसलमान का पवित्र त्योहार “ईद उल फित्र” मनाया जाता है जो रमज़ान में रोजा रखने के बाद आता है।

इस दिन सभी मजहब और धर्म के लोग अपने मुसलमान मित्रों पडोसीवो को Eid Mubarak कहके उन्हें बधाइयाँ देते है ।

दुनिया भर में मुसलमान ईद उल-फितर और रमजान के अंत का जश्न मनाने के लिए ‘ईद मुबारक’ कह कर एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। ईद का अर्थ है।

“जश्न”और मुबारक का शाब्दिक अर्थ है “बधाई”। इसलिए ईद मुबारक को “ईद की बधाई” या “ईद की मुबारकबाद” कहा जाता है।

कई लोग तो Musalman के घर जा के खीर भी खाते हुए दिखाई पड़ते है। इंटरनेट पे भी लोग एक दूसरे को Eid Mubarak Quote Poems Shayari से Wish करते हुए दिखाई देते है। 

रियादान के बाद और ईद अल-आधा के पवित्र त्यौहार के दौरान ईद उल-फ़ित्र के दौरान मुबारकबाद का उपयोग किया जाता है। अरबी वक्ताओं में “kul ‘am antum bikhair” भी शामिल हो सकता है, जिसका अर्थ है “हर साल आपको अच्छी तरह से मुबारकबाद मिलें”।

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ईद पर कवितायें । Eid Mubarak Poems In Hindi

ईद मुबारक पर कविता । Eid Mubarak Poem in Hindi

आओ ईद- ए-कुर्बां को मुहब्बत से मनाया जाए, 
अपने इस हिन्द को जलने से बचाया जाए।।
शीश कट जाए मगर शीश ना झुकने देंगे, 
अपने बच्चों को यही पाठ पढ़ाया जाए।। 

फैले सुख शांति चहुँ ओर फिर से घांटी में,
आओ मिलकर उसे केसर से सजाया जाए।। 
कहीं कलाम कहीं पर राम बनके चमकेंगे, 
अपने बच्चों को यूँ तालीम सिखाया जाए।।

 जैश-ए-मुहम्मद ना फन अपना उठाने पाए, 
अपने बच्चों को अब कलाम बनाया जाए ।।
कश्मीर की घांटी से कन्याकुमारी तक अब, 
हर जगह देश का तिरंगा को लहराया जाए ।।

देके कुर्बानी नफरतों का अब मोहब्त करलें, 
अब तो फिर से ना कहीं देश जलाया जाए।। 

रमजान पवित्र माह मुसलमानों का । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

रमजान पवित्र माह मुसलमानों का
बहुत कुछ करवा के जाता है
बहुत कुछ सिखा के जाता है
ज़िंदगी जीने का नया ताकत भी देता है

रमजान को जो सही ढंग से मान लिया, जान लिया
साल के बाकी महीने
हँसी-खुशी और सुकून से गुजर भी जाएगा
चलो हम सब मिलके कहें…
ईद मुबारक हो आपको मेरे भाई ।

रमजान आई और गई । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

रमजान आई और गई
बहुत कुछ देके गई

रमजान आई और ऐसे आई
सच – मुझे खास आदमी बनाके गई

चलो हम सब मिलके कहें…
ईद मुबारक हो आपको मेरे भाई ।

जहन्नुम और जन्नत यहीं कहीं है । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

जहन्नुम और जन्नत यहीं कहीं है
रमजान महीने में ढूंडो तो

जन्नत मिलने की ऊमीद बढ़ जाती है
हम साफ, पाक, पवित्र और माहौल भी पवित्र होता है

चलो हम सब मिलके कहें…
ईद मुबारक हो आपको मेरे भाई ।

मजा आता है गले मिलके ईद में। Eid Mubarak Kavita in Hindi

मजा आता है गले मिलके ईद में
रमजान जरूर इजाफा करता विशवास खुद पे
सच्चा इन्सान बनना आसान हो जाता है
रमजान महिना नए सोच-विचार और आदत ले आता है
चलो हम सब मिलके कहें…
ईद मुबारक हो आपको मेरे भाई ।

प्रेम-मुहब्बत में फूँक देता है जान । Eid Mubarak Kavita in Hindi

प्रेम-मुहब्बत में फूँक देता है जान
पाक, पवित्र महिना है रमजान

चलो मिलके जशन मनाएँ
हँसी-खुशी साथ मिलकर खाना खायें

ईद मुबारक हो – गूंजने दो चारों तरफ
दोस्त ही दोस्त दिखाईं दें इधर-उधर

हम जात-पात और धर्म से ऊपर उठते हुए
चलो हम सब मिलके कहें…

ईद मुबारक हो आपको मेरे भाई
ईद मुबारक हो आपको मेरे भाई ।

आगे से मैं बहुत नुकीली । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

आगे से मैं बहुत नुकीली
चुभ चुभकर मैं चलती हूँ
एक बार घुसती हूँ अंदर
दूजी दफा निकलती हूँ

हाथों से जब मुझे चलाओ
आगे आगे बढ़ती हूँ
जब मशीन में मुझे लगाओ
ऊपर नीचे होती हूँ

नए पुराने कपड़े सिलकर
मैं ही उन्हें सजाती हूँ
धागे की दो पूंछे मेरी
दर्जी को मैं भाती हूँ

जो जो मेरा नाम बताए
कपड़े नए पहनकर ऐ
ईद संग होली आ जाए
मिलकर गले ख़ुशी से गाए

मुसलमान हो या हिंदू हों । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

मुसलमान हो या हिंदू हों
ईद सभी का है त्यौहार

मिलकर सबको गले लगाएं
भूल बैर बस झूमें गाएं
आओ सुखविंदर रोहित क्रिस
आओ कविता और रुखसार

गरम पकौड़े और पकवान
गजब जायके के सामान
देख सेवैयाँ ललचाए है
बच्चे आदत से लाचार

ईदी दी अब्बा ने मुझको
कहा बाँट दो सबमें इसको
झूलें झूला संग साथ सब
नहीं ख़ुशी का पारावार

रोजों में जो गुण है सीखे
क्यों न उनको आगे खींचे
बेमतलब की बात भूलकर
करें द्वेष का बंटाधार

हिन्दू मुस्लिम भाई भाई
ईद यही संदेशा लई
जीने का मतलब सिखलाती
तोड़े मतलब की दीवार

सुंदर है त्यौहार ईद का । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

सुंदर है त्यौहार ईद का
बांटों मिलकर प्यार ईद का

एक माह तक रोजा रखकर
सबने यह अवसर पाया है
बनकर चाँद ईद का देखो
हर कोई मिलने आया है

रंग बिरंगे कपड़ों वाला
मुस्काता संसार ईद का

मस्जिद में नमाज पढ़ लो फिर
देखो मेला खूब लगा है
सभी लोग उमड़े पड़ते है
सबके दिल में प्यार जगा है

मेल मिलाप सिखाने वाला
लो अनुपम उपहार ईद का

घर घर पकी सिवइयाँ मीठी
जीभर खाओ और खिलाओ
भेदभाव के बिना सभी को
हँसकर अपने गले लगाओ

कभी न कम हों जिसकी खुशियाँ
ऐसा है भंडार ईद का !

ईद मुबारक कविताएं । Eid Mubarak Kavita in Hindi 

सुनो मजबूर हो तो क्या, मुबारक ईद हो तुमकों
तेरी ख़ातिर मेरे हमदम,दो कंगन कैसे लाऊं मैं
अभी पहनों पुराने ही, मुबारक ईद हो तुमकों
बरस अगले मैं आऊंगा,मैं झुमका भी जाँ लाऊँगा

तेरी चोली तेरा लहंगा,मैं सब तुझको दिलाऊंगा
लगोगे तुम दीवाने जी, मुबारक ईद हो तुमको
गले मिल न सके तो क्या,चलो तस्वीर ले लो तुम
लगाओ सीने से मुझको,बलाएँ मेरी ले लो तुम
कहो सचिन तराने भी,मुबारक ईद हो तुमको

— सचिन गोयल

ईद पर कविता । Poem on Eid Mubarak in Hindi

आनेवाली ईद है उसदिन आ जाना।
गानेवाली ईद है उसदिन आजाना।।

ख्वाब सजाते हैं तो मिलता वक्त हमें।
छानेवाली है ईद कि उसदिन आ जाना।।

रहती नहीं पाबंदी कहीं निकलने में।
ईदगाह तक होते मौके टहलने में।।

खाला के घर आने में है न रुसवाई।
नजर बचाकर हमसे मिलने आ जाना।।

तेरे लिए नजराने रखे हैं वर्षों से।
कली गुलाब की रखी है चुपके परसों से।।

ईद खुशी को लाती है तो लाये वो कल।
मेरे मन के द्वार से तुम घर आ जाना ।।

रब से यही मुरादें हमने मांगी है ।
सबकी डोर तुम्हीं ने भगवन थामी है।।

जानते हो सबके हृदय की बात तुम तो।
आकर मेरी भी तो आस पूरा जाना।

तेरे लिए नजराने रखे हैं वर्षों से।
चुनक फूलों को रखा है परसों से।।

ईद मुबारक छोटी कविता । Very Short Poem on Eid Mubarak in Hindi

दीवानों की ईद
छत पर तूने चाँद दिखाया
बड़ी भली यह दीद है
जश्न मनाएं दीवानें सब

हम तो दुआ में ख़ैर मनाते
यार सलामत रहे मिरा
चुपके से ईदी दे जाना
ख़री सी यह ताक़ीद है।

आज बुलाया कूचे में है
कुछ नज़राना पेश करुँ
तुम से बड़ी उम्मीद है।
आज बदल दिल अपना देखें

दोनों इक दूजे का रख लें
दिल को सस्ता मान न लेना
मँहगी मेरी ख़रीद है।
मधुकर वनमाली

पोएम इन हिन्दी ईद मुबारक | Poem in Hindi on Eid Mubarak

ईद आई ईद आई
खुशियों का पैगाम लाई
आओ हम सब उसे मनाएं
गिले शिकवे को हम मिटाएं

ईद का त्योहार लाता,
खुशियों की बौछार
बरसाता प्रेम के रंग
हमेशा मनाते संग संग

सभी धर्मों की एकता दर्शाता
फिरका परसतो को करें तंग
करवाता प्यार का इजहार
लाता रिश्तों में निखार
फैलाता प्रेम की व्यार

~ अशोक शर्मा वशिष्ठ

बदलो के नकाब से निकल आया है चाँद, । Eid Mubarak Kavita in Hindi

बदलो के नकाब से निकल आया है चाँद, 
दुनिया ने मनायी ईद निकल आया है चाँद । 
रोज़े की रातें ख़त्म हुई, ईदें जश्न मनाइये, 
मिटाकर गिले शिकवे गले तो लग जाइये।

रमज़ान के रोज़ों से दिल को पाक बनाइये, 
ईद के शीर खोरमें को फिर प्यार से खिलाइये। 
दुश्मन को भी अपना तुम प्यारा दोस्त बनाइये, 
पाक कुरान की आयतों को दिल से तो लगाइये।

क्या ले आये थे यहाँ क्या तुम लेकर जाओगे, 
नायाब है यह ज़िन्दगी सब से प्यार जताइये, 
यहाँ कोई नहीं है पराया, सबको अपना बनाइये, 
स्वर्ग सी धरती पर जन्नत की फिजा ले आइये। कविता चाँदवानी।

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