छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का प्रांतीय सम्मेलन, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के संस्कृति विभाग की संस्था छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के द्वार यहाँ सम्मेलन किया जाता है, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का प्रांतीय सम्मेलन से सम्बंधित जानकारी लगातार हर वर्ष आईएस (IAS ) ,CGPSC ,आईपीएस IPS , जैसे EXAMS में लगातार पूछे जाते है जिनके आने की संभावना लगभग 80 % होती है | छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग से
छत्तीसगढ़ी बोली से सम्बंधित पुष्तकों, उनके रचनाकारों के बारे में पूछा जाता है छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग क्या है, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की स्थापना कब हुई थी , छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष , छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम प्रांतीय सम्मेलन, छत्तीसगढ़ की प्राचीन भाषा का नाम जैसे आदि पूछे जाते है जिसका उतर आगे आपको मिल जायेगा |
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का आखिरी प्रांतीय सम्मेलन

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का आखिरी प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार पाठक के निर्देशन मैं छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का आखिरी छठवां प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन दिनांक 19 से 21 जनवरी में 2018 को बेमेतरा में रखा गया था जिसमें राज्य के कवियों ,और लेखकों ,सहित प्रदेश सरकार के मंत्रियों, छत्तीसगढ़ के सांसदों तथा विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था ।
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल ने सम्मेलन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी हैं जिसमें प्रमुख सम्मिलित व्यक्तियों में से एक डॉ. विमल कुमार पाठक जी थे | जिसमें विभिन प्रकार के फैसले लिए गए डॉ. विमल कुमार पाठक ने आयोग के अनुरोध को सहर्ष स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने राज्य सरकार के वर्ष 2018 के कैलेण्डर में 28 नवम्बर की तारीख को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के रूप में चिन्हांकित किया गया था |
उल्लेख है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 28 नवम्बर 2007 को छत्तीसगढ़ी राजभाषा विधेयक पारित हुआ था, तथा इसके पास होने कर ही उपलक्ष्य में हर साल 28 नवम्बर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है इस एक ऐतिहासिक दिन बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह इस दिन को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के रूप में चिन्हांकित किया गया था | छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग प्रांतीय सम्मेलन Chhattisgarh Raajbhasha Aayog ka Prantiya Sammelan
आयोग के अध्यक्ष डॉ पाठक ने बताया कि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की पहल पर आगामी सत्र से छत्तीसगढ़ को वैकल्पिक विषय के रूप में स्थान देने तथा छत्तीसगढ़ी शोधपीठ की शुरुआत करने केे लिए गौरीदत्त शर्मा, कुलपति बिलासपुर विश्वविद्यालय, पीजी डिप्लोमा इन छत्तीसगढ़ी की स्थापना हेतु डॉ वंश गोपाल सिंह कुलपति पं. सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय बिलासपुर, हिन्दी केसाथा
छत्तीसगढ़ी में प्रचार-प्रसार हेतु संलग्न दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के विक्रम सिंह वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी, गुरतुर गोठ नामक छत्तीसगढ़ी भाषा की पहली वेब पत्रिका के सम्पादक और गूगल के साथ छत्तीसगढ़ी की-बोर्ड निर्माण में सहयोग के लिए संजीव तिवारी भिलाई नगर तथा मोबाइल में छत्तीसगढ़ी शब्द कोष की संयोजना हेतु शरद यादव सीपत को सम्मनित किया गया है ।
आयोग के अध्यक्ष श्री विमल कुमार पाठक जी ने यह सम्मेलन में 20 एवं 21 जनवरी संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 20 जनवरी को प्रातः 10 से 12 बजे तक डॉ सत्यभामा आडिल की अध्यक्षता में ’छत्तीसगढ़ी साहित्य में महिला साहित्यकार के भूमिका के लिए ’, 12 बजे से 2 बजे तक के सत्र में ’लोक व्यवहार और प्रशासकीय कामकाज में छत्तीसगढ़ी राजभाषा’, 3 बजे से 7 बजे तक ’मंचीय काव्य म छत्तीसगढ़ी के प्रभाव एवं महत्व’ सत्र की अध्यक्षता पंडित दानेश्वर शर्मा करेंगे, जबकि इस दिन का अंतिम सत्र डॉ विमल कुमार पाठक के व्यक्तित्व एवं योगदान से सम्बद्ध होगा, जिसकी अध्यक्षता पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी ने किया तथा वरिष्ठ साहित्यकार नंद किशोर तिवारी व डॉ विनय कुमार पाठक मुख्य वक्ता थे ।
इसी कड़ी में 21 जून को सुबह 10 से 12 बजे तक का सत्र ’छत्तीसगढ़ में अनुवाद परम्परा प्रयोग और महत्व’ पर केन्द्रित आयोजन हुआ , जिसकी अध्यक्षता डॉ परदेशी राम वर्मा करेंगे। अंतिम सत्र 12 से 2 तक होगा, जिसमें खुला सत्र और समापन सत्र पर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। वर्ष 2018 में आयोग के कार्यक्रमों को गति प्रदान करने के संकल्प के साथ सत्र का समापन होगा। सम्मेलन के कार्यों को व्यवस्थित करने का जिम्मा जिला समन्वय विवेक तिवारी को सौंपा गया था।
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सहयोग से प्रकाशित दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का विमोचन भी उद्घाटन सत्र के अंतर्गत लोकार्पित होगा, जिसमें प्रमुख रूप से डॉ जेआर सोनी द्वारा लिखित ’सतनाम रहस्य’, डॉ विनय पाठक द्वारा लिखित ’लोक व्यवहार व कार्यालयीन छत्तीसगढ़ी’, ’छत्तीसगढ़ी साहित्य का ऐतिहासिक अध्ययन’ (डॉ विमल कुमार पाठक), ’समसामयिक संदर्भों के निष्कर्ष पर पंडित मुकुुटधर पाण्डेय व डॉ विमल कुमार पाठक के साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन (रंजना मिश्रा), ’छत्तीसगढ़ी लोक रामायण ( गणेश राम राजपूत) आदि शामिल हैं।
इस अवसर पर तीनों दिन छत्तीसगढ़ी साहित्य की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसका दायित्व कपिल नाथ कश्यप जयंती समारोह को सौंपा गया था । जिसमें सिर्फ और सिर्फ छत्तीसगढ़ी अंचल से जुडी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जो लगातार तीन दिनों तक चला |
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का प्रांतीय सम्मेलनो की सूची
List of Chhattisgarh Rajbhasha Aayog, List of Provincial Conferences of Chhattisgarh Official Language Commission
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का छठवां प्रांतीय सम्मेलनो की सूची निम्नानुसार है –
क्रमांक | प्रांतीय सम्मेलन, | स्थान, | सम्मिलित व्यक्ति | तारीख |
1 | प्रथम प्रांतीय सम्मेलन | भिलाई | null | 23 से 24 फरवरी 2013 |
2 | द्वितीय प्रांतीय सम्मेलन | रायपुर | null | 24 से 25 फरवरी 2014 |
3 | तृतीया प्रांतीय सम्मेलन | बिलासपुर | null | 20 से 21 फरवरी 2015 |
4 | चतुर्थ प्रांतीय सम्मेलन | कोरबा | डॉ.पालेश्वर प्रसाद शर्मा | 19 से 20 फरवरी 2016 |
5 | पंचम प्रांतीय सम्मेलन | राजिम | डॉ. कवी पवन दीपक | 28 से 29 फरवरी 2017 |
6 | षष्ठम प्रांतीय सम्मेलन | बेमेतरा | डॉ. विमल कुमार पाठक | 19 से 21 जनवरी 2018 |
- jeevan pramaan patra Online (Digital Life Certificate) क्या है और कैसे बनता है?
- IRCTC पर अपनी Train Ticket Book (Reservation) कैसे करें?
- Love Story in Hindi । Real life दिल को छूने वाली प्रेम कहानी हिंदी में 2023
- 1000+ Amazing Facts in Hindi 2023 । मजेदार रोचक तथ्य हिन्दी में
- sub domain kya hai (What Is Sub domain In Hindi 2023 )